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सीएम गहलोत ने कह दिया कि, मैं तो शेखावत को राम कह दूंगा, जब वो संजीवनी मामले के पीड़ितों को पैसे लौटा दें। चलो मैं तो रावण हूं , तुम राम बन जाओ, पहले राम की तरह काम करना सीखो.....
जयपुर | राजस्थान में विधानसभा चुनावों से पहले सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों से हटकर की जा रही व्यक्तिगत बयानबाजी ने माहौल गरमा दिया है।
इस तरह की बयानबाजी कर भले ही राजनेता सुर्खियां बटोर रहे हो लेकिन इसने राजनीति का स्तर गिरा दिया है।
राजस्थान में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच चल रही बयानबाज़ी अपने चरम पर पहुंच गई है।
ऐसे में सीएम गहलोत ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री के द्वारा दिए गए बयान पर पलटवार किया है।
सीएम गहलोत ने उन्हें ’राजनीति का रावण’ कहे जाने के विवादित बयान पर शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह को आड़े हाथों लिया है।
सीएम गहलोत ने कहा कि, ’मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है कि वो क्या बोलते हैं। मुझे तकलीफ इस बात की है कि जो ढाई लाख लोग बर्बाद हो गए है। पहले वे उसका हिसाब दें।
किसी ने अपने 25 लाख तो किसी ने 50 लाख और किसी ने तो 1 करोड़ रूपए तक खो दिए गए है। अब उनके पैसों का क्या होगा?
इसी के साथ सीएम गहलोत ने कहा कि, उन्हें हाईकोर्ट से जमानत तक करवानी पड़ी। वे इस मामले में मुल्जिम हैं।
जबकि नाटक करते हुए कहा गया कि मैं मुल्ज़िम हूं ही नहीं। ऐसे में एक बार फिर से झूठे साबित हुए।
— राजस्थानी ट्वीट (@8PMnoCM) April 28, 2023
मैं तो उन्हें राम कह दूंगा...
सीएम गहलोत ने इतना तक कह दिया है कि, मैं तो शेखावत को राम कह दूंगा, जब वो संजीवनी मामले के पीड़ितों को पैसे लौटा दें।
चलो मैं रावण हूं , तुम राम बन जाओ...... पहले राम की तरह काम करना सीखो.....
कभी इथोपिया में तो ऑस्ट्रेलिया में छुपते रहते हैं ये, बड़े-बड़े फ़ार्म हाउस बना लिए हैं। संजीवनी और कई कंपनियां बनाई हैं।
गौरतलब है कि, केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सीएम अशोक गहलोत पर ताबड़तोड़ बयानबाजी करते हुए उन्हें ’राजनीति का रावण’ करार दे दिया।
शेखावत के इस बयान के बाद से राजस्थान की राजनीति में और भी गरमाहट आ गई है।