पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र: राजस्थान में चुनाव की तारीख बदलने के लिए उठी मांग, सामने आई ये बड़ी वजह, क्या होगा बदलाव

राजस्थान में चुनाव की तारीख बदलने के लिए उठी मांग, सामने आई ये बड़ी वजह, क्या होगा बदलाव
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राजस्थान में लगातार तारीख बदलने की उठ रही मांग को लेकर निर्वाचन आयोग भी सोचने पर मजबूर हो गया है। सूत्रों की माने तो निर्वाचन आयोग राजस्थान में चुनावों की तारीख आगे बढ़ा सकता है । 

जयपुर | राजस्थान विधानसभा चुनाव की तारीख को लेकर लगातार बदलाव की मांग उठती जा रही है। 

भारत निर्वाचन आयोग ने राजस्थान में 23 नवंबर को मतदान की तारीख घोषित की है। 

इसी दिन देवउठनी एकादशी भी है। ऐसे में राजस्थान में अबूझ सावों की भरमार रहती है। 

जिसके चलते मतदान प्रभावित होने की संभावना जताई जा रही है।  ऐसे में प्रदेश से चुनाव की तारीख को बदलने की मांग उठने लगी है। 

अब हरी सेवा उदासीन आश्रम के महामंडलेश्वर हंसराम जी महाराज ने 23 नवंबर को मतदान की तारीख में परिवर्तन करने की मांग को लेकर भारत निर्वाचन आयोग, राज्य निर्वाचन आयोग के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। 

महामंडलेश्वर महाराज ने मांग है कि 23 नवंबर को सनातन धर्म के लिए देवउठनी एकादशी का महान पर्व है। ऐसे में इस दिन अबूझ सावे रहते हैं। 

राजस्थान में लगभग 50 हजार अबूझ सावे हैं। जिसके चलते  समस्त हिंदू समाज शादियों में व्यस्त रहेगा। 

इसी के साथ इस दिन अंतरराष्ट्रीय पुष्कर राज के विख्यात मेले की भी शुरुआत होगी। 

ऐसे में मतदान कम होने की आशंका है। जिसके चलते राजस्थान में मतदान की तारीख में बदलाव किया जाए।  

महामंडलेश्वर ने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकतंत्र में विश्वास करते हैं और हमेशा अपील करते हैं कि लोकतंत्र के महान पर्व में भाग लें।

अब ऐसे में 23 नवंबर को एकादशी के दिन मतदान होता है, तो कई लोग लोकतंत्र के महान पर्व में भाग लेने से वंचित रह जाएंगे।

विप्र फाउंडेशन ने भी तारीख बदलने की मांग की

विप्र फाउंडेशन ने भी राजस्थान में चुनाव की तारीख बदलने की मांग की है। फाउंडेशन ने भी देवउठनी एकादशी का हवाला देते हुए इस तारीख को अव्यवहारिक बताया है और इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। 

विप्र फाउंडेशन के संस्थापक सुशील ओझा ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि देवउठनी एकादशी के चलते राजस्थान में शादियों की भरमार रहेगी और लाखों लोग शादी-ब्याह में बिजी रहेंगे। जो मतदान करने से वंचित रह जाएंगे। 

इसी के साथ वाहनों के अधिग्रहण से शादी ब्याह वाले परिवारों  को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। 

बता दें कि इस दिन राजधानी जयपुर में ही 20 हजार से अधिक शादियां होनी है, जबकि 60 हजार से शादियां पूरे प्रदेश में होंगी। 

तो क्या निर्वाचन आयोग बदलेगा मतदान की तारीख ?

राजस्थान में लगातार तारीख बदलने की उठ रही मांग को लेकर निर्वाचन आयोग भी सोचने पर मजबूर हो गया है। 

सूत्रों की माने तो निर्वाचन आयोग राजस्थान में चुनावों की तारीख आगे बढ़ा सकता है और इसे 23 नवंबर के स्थान पर परिवर्तन करते हुए 25 नवंबर कर सकता है। हालांकि, अभी तक इस बारे में कोई पुख्ता बयान सामने नहीं आया है। 

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