Highlights
परिवार ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज करवाने के लिए शहर एसपी को हॉस्टल मैनेजर और साथ स्टूडेंट समेत 3 लोगों के खिलाफ हत्या का परिवाद भी दिया है। जिसकी जांच का जिम्मा पुलिस अधीक्षक ने क्षेत्र के डीवाईएसपी को सौंपा है। लेकिन बेटे को खोने वाले परिजन पुलिस की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं।
कोटा | राजस्थान का कोचिंग हब कोटा पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में बना हुआ है।
इसके सुर्खियों में आने का प्रमुख कारण यहां लगातार हो रही स्टूडेंट्स की मौत को लेकर है। दरअसल, पिछले दिनों यहां अचानक से सुसाइड के कई केस सामने आए हैं।
पूरे देश में मेडिकल और आईआईटी की प्रतियोगी परीक्षाओं में शानदार परिणाम देने वाला राजस्थान का कोटा अब सुसाइड हब बनता जा रहा है।
यहां पिछले दो दिनों में लगातार 2 स्टूडेंट के सुसाइड मामलों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
अगर स्टूडेंट्स द्वारा सुसाइड को लेकर आंकड़ों की बात की जाए तो इस साल 8 महीने के भीतर ही 18 विद्यार्थियों ने मौत को गले लगाया है। ये बेहद ही गंभीर बात है।
रामपुर के मनजोत सिंह छाबड़ा की संदिग्ध मौत का मामला
कोटा के विज्ञान नगर इलाके में पिछले दिनों 3 अगस्त को मनजोत सिंह छाबड़ा की संदिग्ध मौत का मामला सामने आया था।
मनजोत सिंह उत्तर प्रदेश के रामपुर का रहने वाला था और उसका शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था।
कोटा में पढ़ने गए बेटे की अचानक मौत से उसके परिवारजन काफी हैरान और दुखी हैं।
जहां पुलिस उसकी मौत को सुसाइड का रूप दे रही है, वहीं परिजनों ने इसे हत्या करार दिया है।
परिवार ने इस संबंध में मुकदमा दर्ज करवाने के लिए शहर एसपी को हॉस्टल मैनेजर और साथ स्टूडेंट समेत 3 लोगों के खिलाफ हत्या का परिवाद भी दिया है। जिसकी जांच का जिम्मा पुलिस अधीक्षक ने क्षेत्र के डीवाईएसपी को सौंपा है।
लेकिन बेटे को खोने वाले परिजन पुलिस की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं।
संदिग्ध हालातों में बेटे का शव मिलने से परिजनों का आरोप है कि जब उनके बेटे के दोनों हाथ रस्सी से बंधे हुए मिले थे और मुंह पर पॉलिथीन बंधा हुआ था।
कमरे के हालातों को भी देखते हुए ऐसा नजर आ रहा था उसने खुद को बचाने के लिए काफी संघर्ष किया होगा, तो पुलिस इसे सुसाइड कैसे बता सकती है।
पुलिस मान रही सुसाइड, हालात बयां कर रहे कुछ और...
कोटा में पिछले दिनों लगातार 2 स्टूडेंट्स की मौत के मामले सामने आए। जिन्हें पुलिस स्टूडेंट्स में अवसाद को लेकर आत्महत्या का मामला बता रही है।
जबकि हालात सुसाइड के बिल्कुल विपरीत दिखाई दे रहे हैं। मनजोत के परिवार के अनुसार, उनके बेटे का शव संदिग्ध हालत में हॉस्टल के कमरे में मिला है। जिसे किसी भी तरह से सुसाइड नहीं कहा जा सकता।
मृतक मनजोत सिंह छाबड़ा के पिता हरजोत सिंह का आरोप है कि हॉस्टल के जिस कमरे में उनका बेटा रहता था, उस कमरे की खिड़की की जाली कटी हुई है।
उसके साथी स्टूडेंट के कमरे की भी खिड़की की जाली टूट रही है।
इसी के साथ जिस दिन यह घटना हुई है उस दिन सभी बच्चों की हॉस्टल में रात को अटेंडेंस ली गई लेकिन मनजोत की अटेंडेंस लेने कोई नहीं पहुंचा। जिससे उसकी मौत सवालों के घेरे में आ गई है।
योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी से इंसाफ की गुहार
राजस्थान पुलिस से विश्वास खो चुके मृतक छात्र के पिता ने अपने बेटे के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इंसाफ की गुहार लगाई है।
पिता ने फैक्स कर इस पूरे मामले की जांच सीबीआई, एसआईटी से करवाने की मांग की है।