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कोटा एसपी अमृता दुहान ने बताया कि रेलवे कर्मचारी शंभू कुमार (35) की हत्या में उसकी पत्नी मंजू (30), उसके भाई मनीष (26), महिला के प्रेमी रामकेश उर्फ रेसू (21), सुपारी लेने वाले मोनू (21) और फरदीन (19) को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा एक नाबालिग को भी डिटेन किया गया है। पूछताछ में पता चला कि गला काटने से पहले जहर देने की भी कोशिश की गई थी, लेकिन वह नाकाम रहे।
कोटा | सरकारी नौकरी हासिल करने के लालच में एक पत्नी ने अपने पति की हत्या करवा दी। महिला ने अपने भाई के साथ मिलकर मर्डर की योजना बनाई थी और हत्या के लिए 5 लाख रुपए की सुपारी भी दी थी। कोटा के रेलवे कॉलोनी थाना क्षेत्र में इस घटना का पुलिस ने तीन दिनों में ही खुलासा कर दिया है।
हत्या का पर्दाफाश
कोटा एसपी अमृता दुहान ने बताया कि रेलवे कर्मचारी शंभू कुमार (35) की हत्या में उसकी पत्नी मंजू (30), उसके भाई मनीष (26), महिला के प्रेमी रामकेश उर्फ रेसू (21), सुपारी लेने वाले मोनू (21) और फरदीन (19) को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा एक नाबालिग को भी डिटेन किया गया है। पूछताछ में पता चला कि गला काटने से पहले जहर देने की भी कोशिश की गई थी, लेकिन वह नाकाम रहे।
शुरुआत से शक के घेरे में थी पत्नी
एसपी ने बताया कि शंभू कुमार सरकारी क्वार्टर में रहता था और रेलवे के वर्कशॉप में काम करता था। उसे पिता नंदकिशोर की जगह नौकरी मिली थी। 29 मई की रात को शंभू की गला काटकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस को शुरुआत से ही शंभू की पत्नी पर शक था क्योंकि बदमाश घर में घुसकर हत्या कर भाग गया और पत्नी को पता नहीं चला। इस बयान के बाद वह शक के घेरे में आ गई थी। इस मामले का चश्मदीद उसका 10 साल का बेटा प्रिंस था जिसने बदमाशों को हत्या के बाद भागते देखा था।
साले ने जीजा के नाम पर लिया था लोन
मंजू पति से परेशान थी और उसका इंद्रगढ़ के रहने वाले रेशू के साथ अफेयर था। वह चाहती थी कि शंभू को रास्ते से हटाकर रेशू के साथ रह सके। वहीं, शंभू की मौत के बाद उसे रेलवे में नौकरी मिल जाएगी। मंजू का भाई मनीष बेरोजगार था और उसने आठ लाख का लोन शंभू के नाम पर लिया हुआ था। उन्हें लगा कि शंभू की हत्या के बाद लोन माफ हो जाएगा और संपत्ति पर दोनों भाई-बहन कब्जा कर लेंगे।
हत्या के लिए 5 लाख रुपए की सुपारी
एसपी ने बताया कि मंजू का भाई कैटरिंग का काम करता था और बहन के साथ क्वार्टर में ही रहता था। उसने मोनू, फरदीन और एक नाबालिग से हत्या की प्लानिंग के बारे में बताया और 5 लाख रुपए देने की बात कही। आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण वे हत्या के लिए राजी हो गए। 22 मई को मनीष, मोनू और फरदीन को अपना दोस्त बताकर रेलवे क्वार्टर लाया और शंभू का चेहरा दिखाया। बाद में 6800 रुपए एडवांस दिए और बाकी रुपए हत्या के बाद देने का वादा किया।
हत्या की रात की योजना
हत्या की प्लानिंग के बाद 26 मई को मंजू ने मनीष को नानी के घर भेज दिया। मंजू ने बदमाशों से वीडियो कॉल पर बात की और प्लानिंग को लेकर चर्चा करती रही। 29 मई की रात को शंभू ने दोस्तों के साथ पार्टी की थी और फिर सो गया। मंजू ने क्वार्टर के पीछे का दरवाजा खोल दिया और सोने का नाटक करती रही। रात करीब ढाई बजे बदमाश घर में घुसे और शंभू के गले पर दो वार किए। इस दौरान शंभू का बेटा जाग गया और उसने आरोपियों को भागते देखा। बच्चे ने शोर मचाया और पड़ोसियों को जगाया।
हत्या के बाद की योजना
पूछताछ में सामने आया है कि आरोपियों ने हत्या के बाद भागने का भी प्लान बना रखा था। हत्या के बाद वे इंद्रगढ़ में मंजू के प्रेमी रामकेश के पास पहुंचे और फिर चौथ का बरवाड़ा गए और कोटा आ गए। बाद में दो बदमाश जयपुर गए। मंजू को लगा था कि पुलिस का शक शंभू के दोस्तों पर जाएगा क्योंकि हत्या वाली रात पार्टी हुई थी।
इस प्रकार, पुलिस ने मामले का खुलासा कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और हत्या के पीछे की साजिश को बेनकाब किया है।