Highlights
- गुजरात एटीएस ने तीन आतंकवादियों को पकड़ा, जिन्होंने हनुमानगढ़ से हथियार मिलने का खुलासा किया।
- लाल किले ब्लास्ट की जांच के दौरान सामने आया यह बड़ा आतंकी कनेक्शन।
- पिछले चार सालों में ड्रोन से तस्करी के 60 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
- भारतमाला रोड अब नशा और हथियार तस्करी के लिए 'सेफ कॉरिडोर' बन गई है।
नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) में लाल किले (Red Fort) के पास हुए ब्लास्ट की जांच में गुजरात एटीएस (Gujarat ATS) ने तीन आतंकियों को पकड़ा, जिन्होंने हनुमानगढ़ (Hanumangarh) से हथियार मिलने का खुलासा किया है।
लाल किले ब्लास्ट जांच और राजस्थान कनेक्शन
दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट की जांच के बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है।
गुजरात एटीएस ने हाल ही में तीन आतंकवादियों को पकड़ा है।
इन आतंकियों की शुरुआती पूछताछ में एक गंभीर खतरा सामने आया है।
पकड़े गए आतंकवादियों ने बताया कि उन्हें हथियार राजस्थान के सीमावर्ती जिले हनुमानगढ़ से मिले थे।
गुजरात एटीएस के डीआईजी ने एक प्रेस ब्रीफिंग में इस बात की पुष्टि की है कि बरामद हथियार हनुमानगढ़ के रास्ते लाए गए थे।
इस बड़े खुलासे के बाद देश की सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है।
राजस्थान एटीएस की टीम गुजरात रवाना
राजस्थान से सीधा आतंकी कनेक्शन सामने आने के बाद राज्य की पुलिस का आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) तुरंत हरकत में आ गया है।
राजस्थान एटीएस की एक विशेष टीम तुरंत गुजरात के लिए रवाना हो गई है।
यह टीम पकड़े गए आतंकवादियों से गहराई से पूछताछ करेगी।
जांच का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि हथियारों की सप्लाई चेन में राजस्थान के कौन-कौन से स्थानीय लोग या स्लीपर सेल शामिल हैं।
यह जांच राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
ड्रोन से तस्करी: एक बढ़ता हुआ खतरा
बीएसएफ और राजस्थान पुलिस के रिकॉर्ड दिखाते हैं कि सीमा पार से तस्करी में ड्रोन का इस्तेमाल बहुत तेजी से बढ़ा है।
साल 2021 से अब तक सीमा पार से ड्रोन के जरिए तस्करी के 60 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
इनमें से 56 मामले अकेले श्रीगंगानगर बॉर्डर से जुड़े हैं।
शेष 4 मामले बीकानेर बॉर्डर से संबंधित हैं।
खुफिया एजेंसियों के अनुसार अब ड्रोन से सिर्फ नशे (हेरोइन) की खेप नहीं आती है।
तस्करी के तरीके भी चार स्तरों के हो चुके हैं।
तस्करी के चार स्तर
पहला स्तर केवल नशे की खेप से संबंधित है।
दूसरा स्तर नशा और हथियार दोनों की तस्करी को दर्शाता है।
तीसरा स्तर नशा, हथियार और नकली नोटों की तस्करी को शामिल करता है।
चौथा और सबसे खतरनाक स्तर नशा, हथियार, नकली नोट और विस्फोटक सामग्री की तस्करी है।
यह विकसित होते खतरे सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौतियां पैदा कर रहे हैं।
भारतमाला रोड: तस्करों का नया 'सेफ कॉरिडोर'
एजेंसियों की जांच में यह भी सामने आया है कि हनुमानगढ़ से गुजरने वाली भारतमाला रोड अब नशा और हथियार तस्करी के लिए एक सुरक्षित गलियारा बन गई है।
यह महत्वपूर्ण सड़क पंजाब के अमृतसर से शुरू होकर राजस्थान होते हुए गुजरात तक जाती है।
इस रोड पर बीच के कई हिस्सों में स्थायी चौकियों और सघन निगरानी की कमी का फायदा तस्कर उठा रहे हैं।
इस कमी के कारण भारी खेपें आसानी से राजस्थान से बाहर निकल जाती हैं।
यह स्थिति सीमा सुरक्षा के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।
पंजाब से राजस्थान शिफ्ट हुआ नेटवर्क
खुफिया इनपुट के मुताबिक पहले पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए खेपें पंजाब सीमा पर गिराई जाती थीं।
हालांकि 2022 में पंजाब में निगरानी और ड्रोन डिटेक्शन सिस्टम सख्त होने के बाद स्थिति बदल गई।
तस्करों ने अपना पूरा नेटवर्क राजस्थान सीमा पर शिफ्ट कर लिया है।
श्रीगंगानगर की लंबी और कम आबादी वाली सीमा तस्करों के लिए अनुकूल साबित हुई है।
यहां के खेतों और फार्महाउसों का फैलाव भी तस्करों के लिए वरदान बन गया है।
यह बदलाव दर्शाता है कि तस्कर अपनी रणनीति लगातार बदल रहे हैं।
सुरक्षा एजेंसियों को भी अपनी रणनीति में निरंतर सुधार करना होगा।
इस पूरे मामले की गहन जांच जारी है और कई और खुलासे होने की उम्मीद है।
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