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राजस्थान में कांग्रेस सरकार रिपीट होने का दावा करने वाले प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत और पीसीसी अध्यक्ष गोविंद डोटासरा दोनों ही दिल्ली गए हुए हैं। सियासी सूत्रों की माने तो सीएम गहलोत और गोविंद सिंह डोटासरा दिल्ली में पार्टी के बड़े नेताओं से चर्चा कर सकते हैं।
जयपुर | राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के परिणाम को लेकर अब सियासी हलचले तेज हो गई हैं।
जिसके चलते भाजपा और कांग्रेस के समर्थकों और लोगों के दिलों की धड़कनें भी तेज होती जा रही है।
राजस्थान में चुनावी परिणामों से पहले कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही है और दोनों ही दलों के नेताओं ने प्रदेश में सरकार बनाने के लिए अपनी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है।
बताते चले कि राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ है और 3 नवंबर को मतगणना होने जा रही है।
ऐसे में प्रदेश की सियासत में एक बार फिर से गरमाहट देखी जा रही है।
निर्दलियों-बागियों को साधने में जुटी भाजपा-कांग्रेस
परिणाम घोषित होने से पहले ही राज्य के प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस खुद को बहुमत मिलने का दावा कर रहे हैं।
इसके बावजूद दोनों ही राजनीतिक दल निर्दलियों और बागियों को साधने में जुट गए है।
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बन रही है...???????? pic.twitter.com/tg2ieUCCDT
— Rajasthan PCC (@INCRajasthan) November 30, 2023
सीएम गहलोत और डोटासरा पहुंचे दिल्ली
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान में कांग्रेस सरकार रिपीट होने का दावा करने वाले प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot) और पीसीसी अध्यक्ष गोविंद डोटासरा (Govind Singh Dotasara) दोनों ही दिल्ली गए हुए हैं।
सियासी सूत्रों की माने तो सीएम गहलोत और गोविंद सिंह डोटासरा दिल्ली में पार्टी के बड़े नेताओं से चर्चा कर सकते हैं।
हालांकि, उनके दिल्ली कार्यक्रम के अनुसार, वे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की पुस्तक के विमोचन समारोह में शामिल होने पहुंचे हैं।
आपको बता दें कि पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी ये दावा कर चुके हैं कि इस बार राजस्थान में कांग्रेस की सरकार ही बनने जा रही है।
उनका कहना है कि हमारी योजनाओं के कारण इस बार राजस्थान विधानसभा चुनाव में वोटिंग प्रतिशत बढ़ा है।
इस बार महिलाओं ने भी बंपर वोट डाले हैं। जिसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा। निर्दलीय भी कांग्रेस को ही समर्थन देंगे।