Highlights
- सरकार ने एडहॉक कमेटी को चुनाव कराने का एक और मौका दिया है.
- दीनदयाल कुमावत को दोबारा कमेटी का कन्वीनर बनाया गया है.
- कमेटी को 27 दिसंबर तक RCA कार्यकारिणी के चुनाव कराने होंगे.
- जयपुर में RCA का खुद का ग्राउंड जल्द बनकर तैयार होगा.
जयपुर | राजस्थान सरकार ने शुक्रवार देर रात राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (Rajasthan Cricket Association - RCA) के चुनाव कराने में विफल हुई एडहॉक कमेटी (Ad-hoc Committee) को एक और मौका दिया है. दीनदयाल कुमावत (Deendayal Kumawat) को पुनः कन्वीनर नियुक्त किया गया है.
एडहॉक कमेटी को नया अवसर
सहकारिता विभाग ने देर रात को यह महत्वपूर्ण आदेश जारी किया. सवाई माधोपुर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष दीनदयाल कुमावत को दोबारा कन्वीनर बनाया गया है.
उनके साथ ही कमेटी के पुराने सदस्यों को भी रिपीट किया गया है. यह निर्णय क्रिकेट प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण है.
मोहित यादव, आशीष तिवाड़ी जैसे प्रमुख नाम इसमें शामिल हैं. धनंजय सिंह खींवसर और पिंकेश पोरवाल भी सदस्य बनाए गए हैं.
इस कमेटी का कार्यकाल तीन महीने का होगा. उन्हें 27 दिसंबर तक RCA कार्यकारिणी के चुनाव कराने होंगे.
यह समय सीमा उनके लिए एक बड़ी चुनौती है. चुनावों को निष्पक्ष और समय पर संपन्न कराना होगा.
राजस्थान में क्रिकेट विकास के प्रयास
सरकार द्वारा पुनः कन्वीनर बनाए जाने पर कुमावत ने आभार व्यक्त किया. उन्होंने राजस्थान में क्रिकेट विकास पर जोर दिया.
प्रदेश में डोमेस्टिक क्रिकेट का संचालन बेहतर किया जाएगा. प्रत्येक जिले में क्रिकेट ग्राउंड बनाने की तैयारी है.
यह पहल खेल सुविधाओं को बढ़ावा देगी. जमीनी स्तर पर प्रतिभाओं को अवसर मिलेंगे.
जयपुर में RCA का खुद का ग्राउंड जल्द ही बनकर तैयार होगा. यह एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी.
अगले कुछ महीनों में इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. यहां जल्द ही डोमेस्टिक क्रिकेट गतिविधियां शुरू होंगी.
यह कदम खिलाड़ियों के लिए बहुत फायदेमंद होगा. इससे राज्य में क्रिकेट का स्तर सुधरेगा.
पूर्व में चुनाव कराने में विफलता
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की कार्यकारिणी भंग की गई थी. यह पिछले साल 28 मार्च को हुआ था.
सरकार ने तब एक एडहॉक कमेटी का गठन किया था. उसे तीन महीने में चुनाव कराने थे.
पांच बार बीजेपी विधायक जयदीप बिहाणी के नेतृत्व में कमेटी बनी. लेकिन वह चुनाव कराने में विफल रही.
इसी साल जून में एडहॉक कमेटी में बदलाव किया गया. दीनदयाल कुमावत को कमान सौंपी गई थी.
कुमावत भी अपने तीन महीने के कार्यकाल में चुनाव नहीं करा पाए. अब उन्हें एक और मौका दिया गया है.
यह दिखाता है कि चुनाव कराना एक जटिल प्रक्रिया है. सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है.
आगे की राह और चुनौतियाँ
इस बार कमेटी पर काफी दबाव रहेगा. उन्हें निर्धारित समय सीमा का पालन करना होगा.
RCA चुनावों में पारदर्शिता बनाए रखना आवश्यक है. यह क्रिकेट प्रेमियों की अपेक्षा है.
भविष्य में राजस्थान क्रिकेट को एक स्थिर नेतृत्व मिलेगा. यह खिलाड़ियों के लिए भी महत्वपूर्ण है.