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विधानसभा में इस बिल के पारित होने के साथ ही कर्ज राहत आयोग का रास्ता साफ हो जाएगा। जाते-जाते गहलोत सरकार किसानों के लिए खास पेशकश करने वाली है।
किसान कर्ज राहत आयोग का कार्यकाल 3 साल का रहेगा,
आयोग के सदस्य और अध्यक्ष का कार्यकाल भी 3 वर्ष का रहेगा, वैसे सरकार अपने स्तर पर अधिकारियों के कार्य-व्यवहार में त्रुटियां होने पर कभी भी बर्खास्त कर सकती है।
जयपुर/ राजस्थान
चुनावों से पहले राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) किसानों (Farmers) के हित में कर्ज राहत बिल (Farmers Debt Relief Commission bill) लाने की योजना बना रही है। 2 अगस्त को विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार किसान कर्ज राहत आयोग बिल को पेश करेगी।
विधानसभा में इस बिल के पारित होने के साथ ही कर्ज राहत आयोग का रास्ता साफ हो जाएगा। जाते-जाते गहलोत सरकार (Ashok Gehlot) किसानों के लिए खास पेशकश करने वाली है।
सरकारी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, किसान कर्ज राहत आयोग का कार्यकाल 3 साल का रहेगा,
आयोग के सदस्य और अध्यक्ष का कार्यकाल भी 3 वर्ष का रहेगा, वैसे सरकार अपने स्तर पर अधिकारियों के कार्य-व्यवहार में त्रुटियां होने पर कभी भी बर्खास्त कर सकती है।
किसानों को ये मिलेगा फायदा
आयोग (Farmers Debt Relief Commission bill) के गठन के बाद बैंक और कोई भी फाइनेंशियल संस्था किसी भी कारण से फसल खराब होने की हालत में किसानों से कर्ज वसूली का प्रेशर नहीं बना सकते हैं।
अगर किसी किसान की फसल खराब हो गई है तो उसे आयोग के सामने एक आवेदन फाइल करना होगा जिसके बाद आयोग उस पर फैसला करेगा।
इस बिल के बाद किसान कर्ज राहत आयोग के पास हाईकोर्ट जितनी पावर होगी।
आयोग के पास फसल खराब की स्थिति में अगर किसान कर्ज चुकाने में असमर्थ है तो आयोग स्थिति की जांच परक के बाद उस किसान और क्षेत्र को संकटग्रस्त घोषित करके उसे राहत देने के आदेश देने का अधिकार होगा।
ये लोग होंगे आयोग के अध्यक्ष और मेंबर
राज्य किसान कर्ज राहत आयोग में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज को अध्यक्ष बनाया जाएगा। इसके अलावा आयोग में एसीएस या प्रमुख सचिव रैंक पर रहे रिटायर्ड आईएएस, जिला और सेशन कोर्ट से रिटायर्ड जज, बैंकिंग सेक्टर में काम कर चुके अफसर और एक एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट को मेंबर बनाया जाएगा।
सहकारी समितियों के एडिशनल रजिस्ट्रार स्तर के अफसर को इसका सदस्य सचिव बनाया जाएगा।
किसानों के लिए स्टेट और केंद्र सरकार की कितनी स्कीमें हैं
1. कृषि यंत्र अनुदान वितरण
इस योजना के तहत सरकार किसानों को कृषि यंत्र जैसे ट्रॉली, थ्रेसर आदि उपकरण खरीदने पर 40 से 50 प्रतिशत तक अनुदान देती है। इसके लिए व्यक्ति के पास खुद के नाम की जमीन होनी चाहिए।
अगर संयुक्त परिवार है तो वैसी स्थिति में उस किसान का नाम जमीन के राजस्व रिकॉर्ड में होना जरुरी है। ये योजना पहले आओ पहले पाओ के आधार पर चलती है।
लेकिन उन किसानों को प्राथमिकता दी जाति है जो एससी-एसटी वर्ग या बीपीएल वर्ग से है।
2.किसान डिग्गी के लिए अनुदान
ये योजना राजस्थान के नहरी इलाके में किसानों को जल संचय में मदद के लिए चलाई जा रही है।
अगर किसान 4 लाख लीटर पानी की क्षमता वाली डिग्गी बनाता है उसके लिए सरकार 50 प्रतिशत तक या अधिकतम 2 लाख रुपए का अनुदान देती है।
इसके लिए किसान के पास न्यूनतम 1 हैक्टेयर सिंचित जमीन होनी चाहिए।
3.फुलों की खेती के लिए 40 प्रतिशत सब्सिडी देगी सरकार
राजस्थान की गहलोत सरकार ने राज्य में फूलों की खेती बढ़ाने के लिए सब्सिडी देने का फैसला किया है। राजस्थान सरकार ने राज्य के किसानों को लूज फ्लावर यानी देसी गुलाब, गेंदा, गुलदाउदी, गैलार्डिया की खेती करने के लिए 40,000 रुपये प्रति एकड़ की अनुमानित लागत तय की है।
इस राशि पर सरकार द्वारा 25 से 40 फीसदी तक की सब्सिडी दी जाएगी। अधिक जानकारी के लिए आप राजस्थान सरकार की वेबसाइट dipr.rajasthan.gov.in पर क्लिक करके योजना का लाभ ले सकते हैं।
4. मुख्यमंत्री कृषक साथी योजना-
इस योजना के तहत राजस्थान सरकार खेतो की तारबंदी के लिए किसानों को 48000 रुपए अनुदान देगी। तारबंदी योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान के पास 1.5 हेक्टेयर जमीन एक ही स्थान पर होनी आवश्यक है।
इससे कम भूमि होने पर भी राज्य सरकार द्वारा दो या दो से अधिक किसानों के किसान समूह, जिसके पास 1.5 हेक्टेयर या अधिक भूमि हो, उन्हें योजना का लाभ दिये जाने का प्रावधान किया गया है। अधिक जानकारी के लिए विभाग की वेबसाइट पर क्लिक करें। या नजदीकी ई-मित्र पर जाकर भी योजना की जानकारी ले सकते हैं।
5. किसान मित्र ऊर्जा योजना
इस योजना के तहत राजस्थान सरकार खेती के कनेक्शन पर 12000 रुपए की सब्सिडी देगी। योजना के अन्तर्गत सिर्फ आयकर नहीं देने वाले किसानों को शामिल किया गया है।
जो खेती करते हैं, लेकिन केंद्र या राज्य के अंतर्गत सरकारी नौकरी भी करते हैं, उन्हें सरकार की इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा।
6. गौशाला योजना
राजस्थान सरकार गौशाला के निर्माण के लिए 10 लाख रुपए का अनुदान देगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए आपके पास खुद की जमीन या फिर 20 साल के लिए लीज पर जमीन होनी चाहिए।
सरकार द्वारा छोटे पशु के लिए 16 से 20 रुपए एवं बड़े पशु के लिए 32 से 40 रुपए अनुदान स्वीकृत किया गया है। इस योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए गोपालन निदेशालय की वेबसाइट https://gopalan.rajasthan.gov.in/goshalareg.htm पर जाकर प्राप्त की जा सकती है।
इस प्रकार केंद्र व राज्य सरकार द्वारा और भी किसानों के हित में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन यहां हमने सिर्फ उन्हीं योजनाओं का जिक्र किया है जो पिछले कुछ समय से चर्चा में हैं और जिनका किसानों ने अधिक लाभ लिया है।