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शुक्रवार तड़के एक नया मोड आ गया जब वीरांगनाएं अचानक धरना स्थल से गायब हो गई और पुलिस हिरासत में पहुंच गई.....
जयपुर | पुलवामा शहीद सैनिकों की वीरांगनाओं का राजधानी जयपुर में बेमियादी धरना लगातार जारी है।
जहां राज्य सरकार ने वीरांगनाओं की मांगों को गैर-वाजिब करार दिया है, वहीं वीरांगनाएं भी अपनी मांगें मनवाने पर अड़ी हुई हैं।
ऐसे में राज्य की गहलोत सरकार और वीरांगनाओं के लिए ये प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है।
इसी बीच पिछले 10 दिनों से जारी इस गतिरोध में शुक्रवार तड़के एक नया मोड आ गया जब वीरांगनाएं अचानक धरना स्थल से गायब हो गई। दरअसल, गहलोत सरकार ने वीरांगनाओं पर सख्ती दिखाना शुरू करते हुए उन्हें पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के आवास के बाहर से जबरन उठा दिया है।
रात के अंधेरे में पुलिस खेल गई गेम!
जानकारी में सामने आया है कि, जब लोग आज तड़के करीब 3 बजे गहरी नींद का आनंद ले रहे थे तभी पुलिस ने धरना स्थल पर पहुंच वीरांगनाओं के साथ धरना स्थल पर बैठे उनके परिजनों और सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा के समर्थकों को उठाकर अपने साथ जयपुर के सेज थाने ले गई।
थाने के बाहर सांसद किरोड़ी ने भी जमाया डेरा
धरना स्थल से वीरांगनाओं के गायब होने का पता चलते ही सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी सेज थाने पहुंच गए और पुलिस हिरासत में ली गईं वीरांगनाओं से मिलने और कार्रवाई का विरोध जताने लगे। लेकिन जब पुलिस ने उनकी बात सुनी तो वे थाने के बाहर ही धरने पर बैठ गए।
थाने में माहौल बिगड़ता देख पुलिस ने भी थाना परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया। सेज थाने में बंद वीरांगनाओं के परिजनों और मीणा के समर्थकों ने जमकर नारेबाजी करते हुए कहा है कि, ’वीरांगनाओं का ये अपमान नहीं सहेगा राजस्थान’।
सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने पुलिस द्वारा वीरांगनाओं के खिलाफ की गई इस कार्रवाई का विरोध करते हुए आरोप लगाया है कि वीरांगनाओं को सम्मान देने के बजाय मुख्यमंत्री पुलिस के दम पर उनका दमन करना चाहते हैं।
लेकिन चाहे जो कुछ भी हो जाए, वीरांगनाए वीरों की पत्नियां हैं उनके हौंसले को तोड़ा नहीं जा सकता। हक मिलने तक उनका संघर्ष ऐसे ही जारी रहेगा।