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सांगोद विधायक भरतसिंह इस विधानसभा सत्र में शामिल होने के लिए जयपुर नहीं आए। पूर्व मंत्री रह चुके भरतसिंह पर्यावरण प्रेमी भी हैं। भरत सिंह ने कई बार पर्यावरण संरक्षण को लेकर चिंता जाहिर की है।
जयपुर | राजस्थान में इस साल के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव 2023 से पहले 15वीं विधानसभा का सत्र शुक्रवार से शुरू हो गया।
सत्र में उपस्थित होने के लिए सभी मंत्री और विधायक विधानसभा पहुंचे, लेकिन एक विधायक इतने नाराज दिखे कि उन्होंने विधानसभा में जाने से ही इनकार कर दिया।
सांगोद विधायक भरतसिंह इस विधानसभा सत्र में शामिल होने के लिए जयपुर नहीं आए।
पूर्व मंत्री रह चुके भरतसिंह पर्यावरण प्रेमी भी हैं। भरत सिंह ने कई बार पर्यावरण संरक्षण को लेकर चिंता जाहिर की है।
उन्होंने बूंदी के पहाडों में हो रहे अवैध खनन को लेकर कई बार इसे रोकने की मांग उठाई है।
ऐसे में विधायक महोदय ने अपनी मांगों लेकर संभागीय आयुक्त और पुलिस महानिदेशक को ज्ञापन दिया।
बात को सुना ही नहीं जाता तो विधानसभा जाने का क्या मतलब
विधानसभा के सत्र में भाग नहीं लेने को लेकर विधायक भरतसिंह ने कहा कि, जब मेरी बात को सुना ही नहीं जाता है तो विधानसभा में जाने का क्या मतबल है।
मांग को लेकर सीएम गहलोत का करेंगे विरोध
विधायक भरतसिंह की मांग है कि बांरा जिले में आने वाले खान की झोपड़ियां गांव को कोटा जिले में शामिल किया जाए। इसके लिए वे काफी समय से मांग उठाते आ रहे हैं, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोटा दौरे पर आएंगे तब उनका विरोध किया जाएगा।
15वीं विधानसभा का अंतिम सत्र
बता दें शुक्रवार से शुरू हुआ राजस्थान विधानसभा का 8वां सत्र 15वीं विधानसभा का अंतिम सत्र है।
सत्र की शुरूआत में विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी स्वागत भाषण दिया। इसके बाद महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने विधानसभा को संबोधित किया।
विधानसभा के इस सत्र में करीब 11 नए, संशोधित और पेंडिंग बिल पेश किए जाएंगे।
बता दें कि, विधानसभा का ये सत्र बेहद हंगामेदार होने के आसार है। चुनावी घमासान के बीच विपक्षी पार्टी कई मुद्दों पर गहलोत सरकार को घेरने के लिए हर तरह से तैयार बैठ है।