Highlights
- शेख हसीना ने यूनुस सरकार को भारत विरोधी भावना के लिए जिम्मेदार बताया।
- अल्पसंख्यकों और भारतीय दूतावासों पर हमलों को लेकर जताई गंभीर चिंता।
- कट्टरपंथी संगठनों के बढ़ते प्रभाव को दक्षिण एशिया के लिए खतरा करार दिया।
- अपनी मौत की सजा को राजनीतिक साजिश बताते हुए अंतरराष्ट्रीय अदालत की चुनौती दी।
JAIPUR | बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश में बढ़ती भारत विरोधी भावना के लिए मोहम्मद यूनुस को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने कहा कि यूनुस सरकार की गलत नीतियों के कारण ही दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास पैदा हुई है।
भारत के साथ रिश्तों में खटास
हसीना ने भारत को बांग्लादेश का सबसे भरोसेमंद दोस्त बताया और कहा कि अंतरिम सरकार जानबूझकर भारत के खिलाफ बयान दे रही है।
उनके अनुसार कट्टरपंथी ताकतें अब हिंसा पर उतारू हैं और सरकार उन्हें संरक्षण दे रही है।
अल्पसंख्यकों और दूतावासों पर हमले
हसीना ने भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए कहा कि भारतीय दूतावास और मीडिया दफ्तरों पर हमले हो रहे हैं।
उन्होंने हाल ही में एक हिंदू युवक की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में नाकाम रही है।
कट्टरपंथ और दक्षिण एशिया को खतरा
पूर्व प्रधानमंत्री ने चेतावनी दी कि बांग्लादेश में बढ़ती कट्टरता न केवल उनके देश बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए बड़ा खतरा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि यूनुस सरकार दुनिया को उदार चेहरा दिखा रही है लेकिन अंदरूनी तौर पर कट्टरपंथियों को बढ़ावा दे रही है।
वापसी और कानूनी लड़ाई पर रुख
शेख हसीना ने फिलहाल बांग्लादेश लौटने से इनकार कर दिया है और अपने खिलाफ चल रही कानूनी कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया।
उन्होंने मोहम्मद यूनुस को चुनौती दी कि अगर वे सही हैं तो इस मामले को अंतरराष्ट्रीय अदालत हेग में लेकर जाएं।
लोकतंत्र और भविष्य की उम्मीद
हसीना ने कहा कि अवामी लीग के बिना चुनाव कराना महज एक ताजपोशी होगी और उसे जनता स्वीकार नहीं करेगी।
उन्हें भरोसा है कि लोकतंत्र की वापसी के साथ ही भारत और बांग्लादेश के संबंध फिर से पहले की तरह मजबूत हो जाएंगे।
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