Highlights
- सिरोही में सुनार की दुकान से हुई चोरी का पर्दाफाश।
- पुलिस ने चार शातिर चोरों को गुजरात से दबोचा।
- चोरों ने 18 किलो चांदी, 260 ग्राम सोना और 20 हजार नकद चुराए थे।
- गिरफ्तार आरोपी 'सूअर पकड़ने वाले' गिरोह के सदस्य हैं।
सिरोही: सिरोही (Sirohi) पुलिस ने सुनार की दुकान से सोने-चांदी के गहने और नकदी चोरी का खुलासा करते हुए चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। ये सभी 'सूअर पकड़ने वाले' गिरोह के सदस्य हैं और गुजरात (Gujarat) से पकड़े गए हैं।
यह बड़ी कार्रवाई जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. प्यारे लाल शिवरान के निर्देश पर चलाए गए एक विशेष अभियान के तहत की गई है। संपत्ति संबंधी प्रकरणों में आरोपियों की त्वरित गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा था। इस सफलता से पुलिस ने क्षेत्र में बढ़ती चोरी की वारदातों पर अंकुश लगाने का संदेश दिया है।
पुलिस अधीक्षक के विशेष अभियान का सफल परिणाम
डॉ. शिवरान के मार्गदर्शन में, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री किशोरसिंह चौहान ने जांच टीमों को निर्देशित किया। वृताधिकारी वृत सिरोही श्री मुकेश चौधरी ने इन टीमों के कार्यों का निकट सुपरविजन किया, जिससे जांच सही दिशा में आगे बढ़ी।
पुलिस थाना कोतवाली सिरोही के थानाधिकारी श्री कैलाशदान के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया था। इस टीम ने अन्य सहयोगी टीमों के साथ मिलकर कस्बा सिरोही में हुई इस बड़ी नकबजनी का सफलतापूर्वक खुलासा किया। यह एक सामूहिक प्रयास का परिणाम था।
सुनार की दुकान में हुई चोरी का विस्तृत विवरण
प्रार्थी ने पुलिस थाना कोतवाली सिरोही में एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें उसने अपनी ज्वेलरी की दुकान में हुई चोरी की जानकारी दी। उसकी दुकान सदर बाजार, सिरोही में स्थित है।
15 दिसंबर 2025 की रात लगभग 8:20 बजे वह अपनी दुकान बंद करके घर गया था। अगले दिन सुबह 6 बजे उसे दुकान में चोरी होने की सूचना मिली।
मौके पर पहुंचकर प्रार्थी ने देखा कि दुकान का शटर तोड़ दिया गया था। अज्ञात चोरों ने दुकान से बड़ी मात्रा में सोने और चांदी के गहने चुरा लिए थे।
चोरी हुए माल में लगभग 18 किलोग्राम चांदी और लगभग 260 ग्राम सोने के गहने शामिल थे। इसके अतिरिक्त, चोरों ने दुकान से 20,000 रुपये नकद भी चुराए थे।
इस गंभीर वारदात के संबंध में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए प्रकरण संख्या 246/16.12.2025 दर्ज किया। भारतीय न्याय संहिता की धारा 305ए और 331(4) बीएनएस के तहत अज्ञात अभियुक्तों और चोरी हुए माल की तलाश शुरू की गई।
पुलिस की गहन जांच और तकनीकी साक्ष्य का उपयोग
चोरी की इस बड़ी वारदात का पर्दाफाश करने के लिए जिला पुलिस अधीक्षक सिरोही के आदेशानुसार कई विशेष टीमों का गठन किया गया। इन टीमों ने व्यापक स्तर पर आसूचना संकलन का कार्य किया।
जांच के दौरान तकनीकी साक्ष्य और अन्य महत्वपूर्ण तथ्यों को बारीकी से जुटाया गया। पुलिस ने कस्बा सिरोही, सरूपगंज, आबुरोड, पालनपुर और अंबाजी जैसे विभिन्न स्थानों पर गहनता से जांच पड़ताल की।
हाइवे पर स्थित टोल प्लाजा, होटलों और ढाबों पर भी संदिग्ध मुलजिमानों और संदिग्ध वाहनों के संबंध में जानकारी एकत्रित की गई। पुलिस ने आने-जाने के सभी संभावित रूटों पर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला, जिससे महत्वपूर्ण सुराग मिले।
थानाधिकारी सरूपगंज की टीम ने विशेष रूप से हाइवे टोल प्लाजा और होटल-ढाबों पर प्रयास किए। इन प्रयासों से ऐसे महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए, जिन्होंने प्रकरण में आरोपियों तक पहुंचने में निर्णायक भूमिका निभाई।
पुलिस टीमों ने लगातार चार दिनों तक अथक परिश्रम किया। इस दौरान अभियुक्तों के बारे में पुख्ता जानकारी जुटाई गई, जिससे इस घटना में उनकी सीधी संलिप्तता स्पष्ट हुई।
प्राप्त जानकारी और साक्ष्यों के आधार पर, तीन अभियुक्तों को सतलासना और वडनगर, गुजरात से दस्तयाब किया गया। एक अन्य अभियुक्त को बड़ौदा, गुजरात से गिरफ्तार किया गया। पुलिस की यह कार्रवाई बेहद सुनियोजित और त्वरित थी।
आरोपियों का शातिर तरीका-ए-वारदात और आपराधिक इतिहास
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तगण पेशेवर अपराधी हैं। वे मुख्य रूप से सोने-चांदी की दुकानों और सूने मकानों में चोरी व नकबजनी करने के आदी हैं।
इनके खिलाफ गुजरात और राजस्थान राज्यों में चोरी और नकबजनी के दर्जनों आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं। यह दर्शाता है कि वे एक संगठित और अनुभवी गिरोह का हिस्सा हैं।
इनका तरीका-ए-वारदात बेहद शातिर और सुनियोजित होता था। अभियुक्तगण पहले अपने वाहन से आकर ज्वेलरी की दुकानों और सूने मकानों की विस्तृत रेकी करते थे।
रेकी के पश्चात, वारदात को अंजाम देने के दिन वे अपने स्वयं के वाहन को घटनास्थल से काफी दूर छोड़ देते थे। इसके बाद वे किसी अन्य मोटरसाइकिल या कार की चोरी करते थे।
इस चोरी किए गए वाहन का उपयोग वे चोरी या नकबजनी का अपराध करने के लिए करते थे। वारदात को अंजाम देने के बाद, वे चोरी के वाहन को आगे ले जाकर छोड़ देते थे और फिर अपने स्वयं के वाहन से सुरक्षित स्थान पर भाग जाते थे।
सिरोही चोरी की वारदात का विस्तृत खुलासा
16 दिसंबर 2025 को भी इसी तरीके से अभियुक्तों ने वारदात को अंजाम दिया। सबसे पहले, उन्होंने आबुरोड में एक मारुति कार चोरी करने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो पाए।
इसके बाद, उन्होंने एक मोटरसाइकिल चोरी की। उस चोरी की मोटरसाइकिल का उपयोग करके वे आबुरोड से एक ईको कार को चुरा ले गए।
ईको कार चोरी करने के बाद, उन्होंने मोटरसाइकिल को वहीं पर छोड़ दिया। उस चोरी की गई ईको कार से वे सीधे सिरोही सदर बाजार पहुंचे।
वहां उन्होंने परिवादी की दुकान के शटर का ताला तोड़ा और चांदी व सोने की ज्वेलरी की चोरी की। चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद, वे तुरंत ईको कार में बैठकर घटनास्थल से फरार हो गए।
तत्पश्चात, वे सरूपगंज टोल प्लाजा से आगे बढ़े और उस चोरी की ईको कार को हाइवे के किनारे छोड़ दिया। इसके बाद, वे अपनी स्वयं की कार में बैठकर सुरक्षित स्थान पर भाग गए।
यह पूरी वारदात 16 दिसंबर 2025 को सुबह 4:35 बजे से 4:50 बजे के बीच, यानी मात्र 15 मिनट के भीतर, अंजाम दी गई थी। उनकी गति और योजनाबद्ध तरीके ने पुलिस को भी हैरान कर दिया था।
सरूपगंज में अन्य वारदातों का भी पर्दाफाश
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि 11 दिसंबर 2025 को भी इसी गिरोह ने एक वारदात को अंजाम दिया था। सरूपगंज थाना क्षेत्र में अचपुरा के पास से एक मोटरसाइकिल चोरी की गई थी।
उस चोरी की मोटरसाइकिल का उपयोग सरूपगंज में मकानों के ताले तोड़ने की वारदात में किया गया था। वारदात के बाद, सरूपगंज टोल प्लाजा से आगे चोरी की मोटरसाइकिल को छोड़कर वे अपनी कार में बैठकर भाग गए थे।
यह भी खुलासा हुआ कि 11 दिसंबर 2025 को ही सदर बाजार सिरोही की दुकान की रेकी भी की गई थी। इससे स्पष्ट होता है कि सिरोही की चोरी की योजना काफी पहले से बनाई जा रही थी।
गिरफ्तारशुदा अभियुक्तगण और उनकी पहचान
पुलिस ने इस मामले में चार शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है, जो सभी 'सूअर पकड़ने वाले' समुदाय से संबंधित हैं और गुजरात के रहने वाले हैं:
- तूफानसिंह उर्फ दीपक सिंह: पुत्र गुरुवचनसिंह, जाति सरदार (सीकलीगर), उम्र 48 साल। इनका पेशा सुअर पकड़ना है। यह इंद्रा नगर स्कूल के पास खेरालू, पुलिस थाना खेरालू, जिला मेहसाणा, गुजरात के निवासी हैं।
- लखनसिंह: पुत्र कृपालसिंह, जाति सरदार (सीकलीगर), उम्र 35 साल। इनका पेशा भी सुअर पकड़ना है। यह मकान नं 32 बालाजी रेजीडेंसी सोसायटी सतलासना, पुलिस थाना सतलासना, जिला मेहसाणा, गुजरात के निवासी हैं।
- मायासिंह: पुत्र कृपालसिंह, जाति सरदार (सीकलीगर), उम्र 36 साल। इनका पेशा सुअर पकड़ना है। यह पिठोरी दरवाजा सेवरवाड़ा वडनगर, पुलिस थाना वडनगर, जिला मेहसाणा, गुजरात के निवासी हैं।
- सतपालसिंह: पुत्र कृपालसिंह, जाति सरदार (सीकलीगर), उम्र 30 साल। इनका पेशा मजदूरी और सुअर पकड़ना है। यह घस कोर दरवाजा वडनगर, पुलिस थाना वडनगर, जिला मेहसाणा, गुजरात के निवासी हैं और वर्तमान में वाव बालाजी सोसायटी सतलासना, पुलिस थाना सतलासना, जिला मेहसाणा, गुजरात में रहते हैं।
विभिन्न पुलिस टीमों का सराहनीय समन्वय और सफलता
अभियुक्तों के बारे में जानकारी जुटाने और उन्हें गुजरात से दस्तयाब करने में कई पुलिस टीमों ने मिलकर काम किया। पुलिस थाना कोतवाली, सरूपगंज, आबुरोड शहर और आबुरोड रिको की टीमों ने सक्रिय रूप से जांच में सहयोग किया।
इसके अतिरिक्त, डीएसटी टीम और डीसीआरबी (साइबर सैल) की टीमों ने भी तकनीकी सहायता प्रदान की। इन सभी टीमों के बीच आपसी समन्वय और तालमेल बेहद सराहनीय रहा, जिसके कारण इस बड़ी वारदात का सफलतापूर्वक पर्दाफाश किया जा सका।
आगे की जांच जारी: अन्य सहयोगियों की तलाश
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों से विस्तृत अनुसंधान अभी भी जारी है। पुलिस उनसे इस गिरोह के अन्य सदस्यों और उनके सहयोगियों के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास कर रही है।
यह उम्मीद की जा रही है कि इस जांच से और भी खुलासे हो सकते हैं और इस गिरोह के अन्य सदस्यों को भी जल्द ही गिरफ्तार किया जा सकेगा। पुलिस संपत्ति संबंधी अपराधों पर नकेल कसने के लिए प्रतिबद्ध है।
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