Highlights
- भाजपा प्रदेश कार्यालय में सामूहिक वंदे मातरम् गायन।
- मदन राठौड़ ने वंदे मातरम् को राष्ट्रभावना का प्रतीक बताया।
- 1875 में वंदे मातरम् की रचना के 150 वर्ष पूर्ण।
- राष्ट्रजागरण के आह्वान के रूप में मनाया गया कार्यक्रम।
जयपुर: जयपुर (Jaipur) में भाजपा प्रदेश कार्यालय में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ (Madan Rathore) की अध्यक्षता में सामूहिक रूप से राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् का गायन किया गया। राठौड़ ने कहा कि वंदे मातरम् केवल राष्ट्रगीत नहीं, यह राष्ट्रभावना का प्रतीक है।
भाजपा कार्यालय में गूंजा वंदे मातरम् का स्वर
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् का सामूहिक गायन एक अत्यंत प्रेरणादायक और गौरवपूर्ण क्षण रहा।
यह विशेष कार्यक्रम भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की गरिमामयी अध्यक्षता में आयोजित किया गया था।
जयपुर स्थित प्रदेश कार्यालय परिसर 07 नवंबर 2025 को देशभक्ति के नारों और वंदे मातरम् की मधुर ध्वनि से गूंज उठा।
इस अवसर पर भाजपा परिवार के सैकड़ों कार्यकर्ता, पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि एक साथ उपस्थित थे।
सभी ने मिलकर भारत माता के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान व्यक्त किया।
वंदे मातरम्: राष्ट्रभावना और एकता का प्रतीक
प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर अपने ओजस्वी विचार प्रस्तुत किए।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वंदे मातरम् केवल एक राष्ट्रगीत भर नहीं है, बल्कि यह उससे कहीं अधिक है।
राठौड़ ने इसे भारत माता के प्रति हमारी अटूट श्रद्धा, राष्ट्रीय एकता और गहरी राष्ट्रभावना का जीवंत प्रतीक बताया।
उन्होंने बल दिया कि यह पवित्र गीत हम सभी देशवासियों को निस्वार्थ राष्ट्रसेवा के लिए निरंतर प्रेरित करता है।
यह गीत भारतीय संस्कृति की आत्मा का सच्चा परिचायक है और हमारे गौरवशाली इतिहास की याद दिलाता है।
राठौड़ ने प्रत्येक नागरिक से वंदे मातरम् का हृदय से गायन करने का पुरजोर आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि देशवासियों के बीच राष्ट्रभक्ति का जज्बा और उत्साह निरंतर जागृत होना अत्यंत आवश्यक है।
यह कार्यक्रम केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि राष्ट्रजागरण का एक सशक्त और महत्वपूर्ण आह्वान है।
उन्होंने इस आयोजन के माध्यम से जन-जन में राष्ट्रीय चेतना जगाने का संदेश दिया।
देशभक्ति का प्रेरणादायक सैलाब और जागृति अभियान
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने देश में उमड़ी देशभक्ति की लहर की खुले दिल से सराहना की।
उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में जिस प्रकार देशभक्ति का अद्भुत सैलाब उमड़ा है, वह वास्तव में हम सबके लिए प्रेरणादायक है।
राठौड़ ने इस कार्यक्रम को किसी भी राजनीतिक विचारधारा से निरपेक्ष बताया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि इसे एक व्यापक जागृति अभियान के रूप में देखा जाना चाहिए।
इस अभियान का उद्देश्य सभी भारतीयों को एकजुट कर राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए प्रेरित करना है।
उन्होंने बताया कि ऐसे आयोजन राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने में सहायक होते हैं।
1875 का ऐतिहासिक महत्व और 150 वर्ष का गौरव
राठौड़ ने अपने संबोधन में वर्ष 1875 के विशेष ऐतिहासिक महत्व को विस्तार से रेखांकित किया।
उन्होंने बताया कि यह वही वर्ष है जब भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म हुआ था।
इसी वर्ष आदिवासी समाज के महान जननायक भगवान बिरसा मुंडा ने भी जन्म लिया था।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 1875 में ही महान साहित्यकार बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने हमारे राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् की रचना की थी।
यह कार्यक्रम राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के गौरवशाली 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था।
इस ऐतिहासिक अवसर पर भाजपा परिवार के सभी पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं ने अपार उत्साह के साथ भाग लिया।
कार्यक्रम स्थल पर मौजूद सभी लोगों ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि का जश्न मनाया।
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति और समापन
इस महत्वपूर्ण और गरिमामय कार्यक्रम में कई प्रमुख हस्तियां उपस्थित रहीं, जिन्होंने इसकी शोभा बढ़ाई।
अभियान के प्रदेश संयोजक भूपेन्द्र सैनी ने अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराई।
सह संयोजक प्रेम सिंह और प्रीति शर्मा भी इस अवसर पर विशेष रूप से मौजूद थीं।
भाजपा प्रदेश मंत्री पिंकेश पोरवाल ने भी कार्यक्रम में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।
विधायक बाल मुकुंदाचार्य महाराज की उपस्थिति ने इस आयोजन को और अधिक गरिमामय बनाया।
भाजपा प्रदेश कार्यालय प्रभारी मुकेश पारीक और सह प्रभारी भवानी शंकर शर्मा भी उपस्थित थे।
इनके अतिरिक्त, भाजपा के कई वरिष्ठ नेता, विभिन्न जनप्रतिनिधि, पार्टी पदाधिकारी और कार्यालय परिवार के सदस्य भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
कार्यक्रम का समापन अत्यंत भावुक और प्रेरणादायक तरीके से हुआ।
सभी उपस्थित लोगों ने सामूहिक रूप से राष्ट्रगान का गायन किया।
पूरा परिसर "भारत माता की जय" के बुलंद उद्घोष से गूंज उठा, जिससे वातावरण में देशभक्ति का संचार हुआ।
यह आयोजन राष्ट्रीय गौरव और एकता का एक सशक्त प्रदर्शन था।
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