भारत के संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडर आज दिन भर ट्विटर पर ट्रेंड करते रहे। वजह रही कुछ असामाजित तत्व जो संविधान निर्माता बाबा साहब की छवि को मिटाने के उद्देश्य से ऐसा कर रहे थे। जब से डिजिटल मीडिया और सोशल मीडिया का क्रेज बढ़ा है जहां हर किसी को कुछ भी कंटेट डालने की स्वतंत्रता है। साथ ही ये लोगों की कमाई का जरिया भी बनता जा रहा है। ऐसे में ये पुष्टि कर पाना की क्या सही है और क्या गलत। सोशल मीडिया के दौर में गलत खबरें, जिनको विजुअल और फोटो शॉप के जरिए तोड़ मरोड़ कर पेश किया जाता है। आग की तरह फैलती हैं। कई बार तो ऐसी खबरों की वजह से बड़े सामाजिक दंगे फसाद हो जाते हैं।
#FirstRapistOfIndia
— अशोक त्रिपाठी (@Ashok_Trip) March 17, 2023
Shocking ????: If you search on Google who is the first rapist of India, then Babasaheb Ambedkar's name is coming, Google people are requested to remove it as soon as possible #FirstRapistOfIndia pic.twitter.com/Mi3wNT8KUn
किसी भी देश या व्यक्ति की छवि बिगाड़ने के लिए इतना ही काफी है कि उस व्यक्ति या देश के बारे में गलत खबरें प्रचारित की जाएं। अगर आप किसी के बारे में किसी पर्टिकुलर की-वर्ड पर बार बार कुछ पोस्ट लिखते हैं तो ऐसा करने से ये वह गूगल पर ट्रेंड होने लगता है। बस फिर क्या सालों की बनाई साख चंद दिनों में मिट्टी में मिलने को तैयार।
अच्छा इन गलत खबरों को प्रचारित करने में सबसे अधिक रोल कुछ जाति आधारित या राजनीति से प्रभावित लोगों का होता है। इसी का उदाहरण है कि आज ट्विटर पर #FirstRapistofIndia Trend कर रहा है। तो जवाब में कुछ असामाजिक तत्व आमने सामने प्रतीत होते हैं। सोशल साइट्स क्वोरा - Quora विकिपीडिया, गूगल,फेसबुक, ट्विटर इन पर भ्रामक, बे-सिर पैर की बातें लिखकर लोग प्रचारित कर रहे हैं। कुछ लोग जवाब में नाथूराम गोडसे को फर्स्ट रेपिस्ट ऑफ इंड़िया के टैग से ट्वीट कर रहे हैं।
वहीं गूगल पर फेकू कौन है (Who is feku) सर्च करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम आता है। जाहिर है विरोधी दल अपने प्रतिद्वंदी के खिलाफ ऐसी बातें फैलाते हैं लेकिन यहां पर सोशल साइट्स को स्टैंड लेना चाहिए।
— Agniveer chowkidar (@rofl_ModiG) March 18, 2023
वरना किसी भी चीज की क्या ही प्रमाणिकता रह जाएगी। कोई किसी के बारे में कुछ भी कह और लिख देगा जबकि ऐसा करने का उसे पैसा भी मिलता हो। लोग ट्रेंड में आने के लिए ऐसी हरकतें करने से चूकते भी नहीं हैं।
दरअसल, ट्विटर ट्रेंड #FirstRapistofIndia में डॉ.अंबेडकर का नाम आ रहा है। जो भारत के संविधान निर्माता थे। उनका नाम स्वतंत्र भारत का पहला बलात्कारी सर्च करने पर गूगल टॉप सर्च में आ रहा है। गूगल पर लिखा आ रहा है कि स्वतंत्र भारत के पहले बलात्कारी डॉ.भीम राव अंबेडकर थे जिन्होंने करूणा यादव नाम की महिला के साथ रेप किया था। हालांकि इस बात की क्या प्रमाणिकता है।
कुछ लोग पौराणिक ग्रंथों के बारे में लिख रहे हैं कि सबसे पहले प्रजापति ब्रह्रा ने अपनी बेटी सरस्वती और बहन गायत्री से बलात्कार किया था। बाकायदा ऐसा वेबसाइट बनाकर लोग प्रचारित कर रहे हैं। अब इस की-वर्ड पर जैसे ट्विटर बार छिड़ गया है कोई मुगलों को रेपिस्ट बताने में लगा है तो कोई इस हैशटैग (Hashtags) के साथ कुछ भी पोस्ट करके ट्रेंड में आने की जुगत में।
Google par jitne fake news likhne wale hai unke khilaf action liya jana chahiye. Hume is tarah ka virodh karna chahiye???? pic.twitter.com/VafWK7CHLJ
— सोमनाथ यादव (@Somnath1119) March 18, 2023
ऐसा करने से किसी के धर्म, देश जाति और व्यक्ति विशेष का अपमान होता है, अगर ये सच नहीं हैं तो अव्वल तो ये कि गूगल को कुछ क्राइटेरिया सेट करना चाहिए जिससे लोगों का भी विश्वास बढ़े। और गूगल द्वारा उपलब्ध जानकारी की पुष्टि हो सके।
खैर हम तो फिर भी आप से यही कहेंगे कि सोशल साइट्स की जानकारी पर विश्वास करने से अच्छा है किताबों का सहारा लिया जाए। और किसी भी चीज की तह तक जाने के बाद ही उसे सही माना जाए।
I don't know how true this is, but this is what comes up after searching First Rapist of India on Google.
— ꧁༒☬Akash☬༒꧂ Aakash Tiwari ⚔️Brahman ⚔️ (@Akash_Mani4241) March 17, 2023
Is this really true?
If this is true then should we prefer him as our Ideal?
If this is true then I will never accept him as my Ideal. That's it.#FirstRapistOfIndia pic.twitter.com/56sGGYVx6F