Highlights
- आम आदमी पार्टी ने राजस्थान के वागड़ और मेवाड़ पर निगाह टिका दी है। आदिवासी नेता देवेंद्र कटारा के पार्टी में आने के बाद पार्टी रणधीर सिंह भीण्डर को अपने पाले में लाने के फेर में है।
- अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की निगाह मेवाड़ में जनता सेना के बैनर पर पहले से सक्रिय रणधीर सिंह भीण्डर और उनकी पत्नी दीपेंद्र कँवर पर है।
- आम आदमी पार्टी चाहती है कि जनजाति वोटों के साथ-साथ मेवाड़ में प्रभावी राजपूत वोट बेंक को जोड़ कर कांग्रेस ,भाजपा और भारतीय ट्राइबल पार्टी को जोर का झटका धीरे से दे दिया जाये।
Jaipur | राजस्थान से सटे गुजरात के आदिवासी अंचल में अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने करीब 22 फीसदी वोट लेकर आदिवासी वोट बैंक में सेंध क्या मारी, आम आदमी पार्टी ने राजस्थान के वागड़ और मेवाड़ पर निगाह टिका दी है।
शनिवार यानी 18 फरवरी को भाजपा के पूर्व विधायक और पार्टी में अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष देवेंद्र कटारा पार्टी में शामिल हुए थे। आदिवासी नेता के पार्टी में आने के बाद पार्टी रणधीर सिंह भीण्डर को अपने पाले में लाने के फेर में है।
भीण्डर को पार्टी में शामिल करने के उपाय पहले भी हुए लेकिन अब खुद पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की निगाह रणधीर सिंह भीण्डर और उनकी पत्नी दीपेंद्र कँवर पर है।
आम आदमी पार्टी चाहती है कि जनजाति वोटों के साथ-साथ मेवाड़ में प्रभावी राजपूत वोटबेंक को भी पार्टी से जोड़ कर कांग्रेस ,भाजपा और भारतीय ट्राइबल पार्टी को जोर का झटका धीरे से दे दिया जाये।
इस लिहाज से उन्हें मेवाड़ में जनता सेना के बैनर पर पहले से सक्रिय रणधीर सिंह भीण्डर सबसे मुफीद नजर आ रहे हैं। सूत्रों की माने तो पहले केजरीवाल के करीबी एक एनआरआई इस कोशिश में थे।
अब कुछ सप्ताह पहले भाजपा छोड़ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए "आप" के मेवाड़ संभाग प्रभारी तनवीर सिंह कृष्णावत इसमें बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
रणधीर सिंह भींडर पर आम आदमी पार्टी की निगाह उस वक्त टिकी है ,जब भीण्डर के धुर विरोधी रहे गुलाब चंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाये जाने के बाद भाजपा भी मेवाड़ में नए क्षत्रप की तलाश में है।
उल्लेखनीय है कि कटारिया मेवाड़ में बीजेपी का मेरुदंड माने जाते रहे हैं और उन्हें नकार कर अब तक भाजपा मेवाड़ में कोई बड़ा फैसला नहीं कर पायी।
अब जबकि मेवाड़ ही नहीं, राजनीति से भी कटारिया बाहर हैं ,बीजेपी का एक बड़ा धड़ा चाहता है कि कतिपय कारणों से भाजपा छोड़ अपनी पार्टी बनाने वाले भीण्डर जनता सेना का विलय कर भाजपा में लौट जायें।
इस बीच आम आदमी पार्टी की मेवाड़ साधने की कोशिश भीण्डर पर असर दिखाएगी या नहीं ,यह तो वक्त ही बताएगा। फिलहाल इतना तय है कि ऐसा हुआ तो भाजपा में सक्रिय रहे कई नेतागण भी भीण्डर के साथ मिल कांग्रेस ,भाजपा के समीकरणों पर झाड़ू फेरने की कवायद में शामिल नजर आएंगे।