4 दिन काम, 3 दिन छुट्टी: भारत में 4-डे वर्क वीक? नए लेबर कोड्स और कर्मचारियों के अधिकार

भारत में 4-डे वर्क वीक? नए लेबर कोड्स और कर्मचारियों के अधिकार
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Highlights

  • नए लेबर कोड्स 21 नवंबर 2025 से लागू हुए।
  • चार दिन काम करने पर प्रतिदिन 12 घंटे तक काम करना होगा।
  • साप्ताहिक काम के कुल घंटे 48 ही रहेंगे, चाहे 4 या 5 दिन काम करें।
  • ओवरटाइम करने पर दोगुनी सैलरी का प्रावधान है।

JAIPUR |  भारत में 4-डे वर्क वीक (4-day work week) लागू होने की चर्चा तेज है। 21 नवंबर 2025 (November 21, 2025) को लागू हुए नए लेबर कोड्स (New Labour Codes) का लक्ष्य कर्मचारियों के अधिकारों को सरल और मजबूत बनाना है।

अगर आप भी चाहते हैं कि हफ्ते में सिर्फ चार दिन ऑफिस जाना पड़े और तीन दिन पूरे आराम के मिलें तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। सोशल मीडिया से लेकर ऑफिस तक, लोगों के मन में एक ही सवाल घूम रहा है कि क्या भारत में अब फोर-डे वर्क वीक लागू होने वाला है।

नए लेबर कोड्स के बाद यह चर्चा और तेज हो गई है। वर्तमान में, भारत में ज्यादातर सरकारी और प्राइवेट ऑफिस में पांच दिन का वर्क सिस्टम चलता है, लेकिन अब इसमें बदलाव की संभावना दिख रही है।

नए लेबर कोड्स क्या हैं और कब हुए लागू?

सरकार ने 21 नवंबर 2025 को 29 पुराने लेबर कानूनों को खत्म कर चार नए लेबर कोड्स लागू किए हैं।

इनका मुख्य मकसद कर्मचारियों के अधिकारों को आसान और मजबूत बनाना है, साथ ही उद्योग जगत के लिए नियमों को सरल करना भी है। ये कोड्स देश में श्रम सुधारों की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।

श्रम मंत्रालय का रुख: 4 दिन काम, 3 दिन छुट्टी का विकल्प

श्रम और रोजगार मंत्रालय ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की थी।

मंत्रालय ने साफ किया कि नए लेबर कोड्स के तहत काम के घंटों को लेकर कंपनियों को फ्लेक्सिबिलिटी (लचीलापन) दी गई है।

इसका मतलब यह है कि अगर कोई कंपनी चाहे तो चार दिन काम और तीन दिन छुट्टी का सिस्टम अपना सकती है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें हैं जिनका पालन करना अनिवार्य होगा।

यह विकल्प कंपनियों और कर्मचारियों दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है, बशर्ते नियमों का सही ढंग से पालन किया जाए।

चार दिन काम करने का नियम और शर्तें

नए नियमों के मुताबिक, यदि कोई कर्मचारी हफ्ते में चार दिन काम करता है, तो एक दिन में उसके काम का समय 12 घंटे तक हो सकता है।

इसमें काम के बीच मिलने वाला ब्रेक भी शामिल होता है, जिसे कर्मचारी के कुल कार्य समय का हिस्सा माना जाएगा। यह व्यवस्था कर्मचारियों को अधिक लचीलापन प्रदान करती है।

साप्ताहिक काम के कुल घंटे नहीं बदले

यह समझना बेहद जरूरी है कि हफ्ते के कुल काम के घंटे में कोई बदलाव नहीं किया गया है। लेबर मंत्रालय ने साफ कहा है कि हफ्ते में काम के कुल घंटे अब भी 48 ही रहेंगे।

इसका सीधा मतलब यह है कि चाहे आप पांच दिन काम करें या चार दिन, आपको कुल 48 घंटे ही काम करना होगा।

चार दिन काम करने पर रोज के घंटे बढ़ जाएंगे और पांच दिन काम करने पर रोज के घंटे कम रहेंगे, लेकिन साप्ताहिक कुल समय समान रहेगा। यह सुनिश्चित करता है कि उत्पादकता पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

ओवरटाइम का प्रावधान: दोगुनी सैलरी

अगर किसी कर्मचारी से एक दिन में तय समय (जैसे 12 घंटे) से ज्यादा काम कराया जाता है, तो उसे ओवरटाइम का पैसा देना अनिवार्य होगा।

नए लेबर कोड्स के मुताबिक, ओवरटाइम के लिए कर्मचारी को दोगुनी सैलरी देना जरूरी होगा।

यह नियम चार दिन वाले वर्क सिस्टम में भी पूरी तरह से लागू रहेगा, जिससे कर्मचारियों के हितों की रक्षा हो सके और उनका शोषण न हो। यह एक महत्वपूर्ण सुरक्षा उपाय है।

नए लेबर कोड्स के मुख्य फायदे

सरकार के अनुसार, नए लेबर कोड्स से कर्मचारियों को कई महत्वपूर्ण फायदे मिलेंगे, जो उनके जीवन और कार्यस्थल की गुणवत्ता में सुधार लाएंगे।

इनमें समय पर सैलरी का भुगतान, ग्रेच्युटी का आसान प्रावधान, तय काम के घंटे और बेहतर सेफ्टी नियम शामिल हैं।

इसके अतिरिक्त, कर्मचारियों को फ्री हेल्थ सुविधाएं भी मिलेंगी, जिससे उनका स्वास्थ्य और कल्याण सुनिश्चित हो सके।

इन बदलावों से काम करने का माहौल अधिक सुरक्षित, स्वच्छ और कर्मचारी-हितैषी बनेगा, जिससे देश की श्रम शक्ति को मजबूती मिलेगी।

ये कोड्स भारत में श्रम कानूनों को आधुनिक बनाने और वैश्विक मानकों के अनुरूप लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

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