कोटा में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस: शिक्षा के महत्व पर जोर और नवसाक्षरों का सम्मान

शिक्षा के महत्व पर जोर और नवसाक्षरों का सम्मान
Madan Dilawar
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अध्यक्षता कर रहे ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि शिक्षा सभी के लिए जरूरी है। विकसित भारत का संकल्प हम शिक्षा के बल पर ही पूरा कर पाएंगे

जयपुर। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का राज्य स्तरीय समारोह रविवार को कोटा के शिव ज्योति कॉन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल श्रीनाथपुरम में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि स्कूल शिक्षा एवं पंचायती राजमंत्री मदन दिलावर ने कहा कि निरक्षरता देश, प्रदेश के माथे पर कलंक है, इस कलंक को जल्द से जल्द मिटाना है। उन्होंने कहा कि लगभग 80 लाख लोग अभी शिक्षा से वंचित हैं जिन्हें 5 वर्ष से पूर्व ही साक्षर करने का प्रयास है। 

शिक्षा मंत्री ने हाडोती बोली में संबोधित करते हुए आह्वान किया कि शिक्षित लोग अपने आसपास के निरक्षर लोगों को शिक्षित बनाएं ताकि वे अपने जीवन में तरक्की कर सकें।  उन्होंने कहा कि यह सबसे बड़ा पुण्य होगा। उन्होंने समारोह में विचार व्यक्त करने वाले नव साक्षरों और शिक्षकों का मनोबल बढ़ाया। शिक्षा मंत्री ने  शिक्षा के उन्नयन और संवर्धन के लिए किए जा रहे कार्यो का उल्लेख करते हुए बताया कि 5 सालों में  शिक्षकों का एक भी पद खाली नहीं रहेगा।

समारोह में नवसाक्षरों और स्वयंसेवी शिक्षकों को सम्मानित किया गया।कोटा,बारां, झालावाड़ के नवसाक्षर सुनीता देवी, मेधा बाई, हरि सिंह, मधु बाई ने मंच पर अपने विचार व्यक्त किए और बताया कि शिक्षा से उनके जीवन में किस तरह परिवर्तन आया है।अतिथियों ने उनका मनोबल बढ़ाया।

अध्यक्षता कर रहे ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि शिक्षा सभी के लिए जरूरी है। विकसित भारत का संकल्प हम शिक्षा के बल पर ही पूरा कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि साक्षरता में भी बालिका शिक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा। अवसर मिलने पर बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़कर नाम कमा रही हैं। उन्होंने शिक्षा मंत्री द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों का उल्लेख करते हुए कहा, ये प्रयास प्रदेश के विकास में मील का पत्थर बनेंगे।

विशिष्ट अतिथि कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि जब तक एक-एक व्यक्ति साक्षर नहीं होगा हम 2047 तक  विकसित भारत का सपना साकार नहीं कर पाएंगे। हमें निरक्षरों को साक्षर कर उन्हें समर्थ, क्षमतावान बनाना होगा।

लाडपुरा विधायक कल्पना देवी ने विभिन्न उदाहरण के जरिए शिक्षा का महत्व समझाया और कहा कि शिक्षा से जीवन और देश बदल सकता है। उन्होंने बच्चों को शिक्षित करने का आह्वान किया, साथ ही  अभिभावकों से अपील की कि अपने अधूरे सपनों को बच्चों पर ना थोपें। उन्हें वही मार्ग चुनने दें जो उनकी  रुचि का हो। शिक्षकों का आह्वान किया कि वह पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ विकसित भारत बनाने में अपना योगदान दें।

आरंभ में साक्षरता एवं सतत शिक्षा निदेशक मेघराज रतनू ने बताया की 2011 तक 47 लाख को साक्षर बनाया गया। इसके बाद के वर्षों में अब तक 91 लाख को साक्षर बनाया गया। वर्तमान में 80 लाख लोग निरक्षर हैं। इस वर्ष 20 लाख को साक्षर बनाने का लक्ष्य है। 

इस अवसर पर साक्षरता संबंधी ब्रोशर का विमोचन किया गया। अतिरिक्त निदेशक साक्षरता स्नेहलता हरित, संयुक्त निदेशक शिक्षा तेज कंवर, सीडीईओ केके शर्मा, सहित संभाग के विभागीय अधिकारी, शिव ज्योति कॉन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के निदेशक महेश गुप्ता, शिवम गुप्ता सहित गणमान्य जन उपस्थित रहे।  समारोह में कलाजत्था एवं नाटिका द्वारा शिक्षा का संदेश दिया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। मंच संचालन ज्योति जोशी ने किया।

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