Rajasthan: पाकिस्तानी जासूस को 10 दिन का रिमांड, ISI को भेजता था सेना की जानकारी

पाकिस्तानी जासूस को 10 दिन का रिमांड, ISI को भेजता था सेना की जानकारी
पाकिस्तानी जासूस को 10 दिन का रिमांड
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Highlights

  • पाकिस्तानी जासूस प्रकाश सिंह उर्फ बादल को 10 दिन का रिमांड मिला।
  • वह सोशल मीडिया के जरिए ISI के संपर्क में था।
  • राजस्थान, पंजाब और गुजरात से सेना की गोपनीय जानकारी भेजता था।
  • जासूस भारतीय मोबाइल नंबरों के OTP भी उपलब्ध कराता था।

जयपुर: सीआईडी इंटेलिजेंस (CID Intelligence) ने श्रीगंगानगर (Sri Ganganagar) से पकड़े गए पाकिस्तानी जासूस (Pakistani spy) प्रकाश सिंह उर्फ बादल (Prakash Singh alias Badal) को 10 दिन के रिमांड पर लिया है। वह सोशल मीडिया के जरिए आईएसआई (ISI) के संपर्क में था और तीन राज्यों से भारतीय सेना (Indian Army) की गोपनीय जानकारी भेजता था।

पाकिस्तानी जासूस को 10 दिन का रिमांड

सीआईडी इंटेलिजेंस ने मंगलवार दोपहर श्रीगंगानगर से गिरफ्तार किए गए पाकिस्तानी जासूस प्रकाश सिंह उर्फ बादल (34) पुत्र कादर सिंह निवासी फिरोजपुर, पंजाब को जयपुर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट के आदेश पर सीआईडी इंटेलिजेंस को आरोपी का 10 दिन का रिमांड मिला है। इस रिमांड के दौरान उससे और गहन पूछताछ की जाएगी, जिससे उसके पूरे नेटवर्क और गतिविधियों का खुलासा होने की संभावना है। डीजी (इंटेलिजेंस) प्रफुल्ल कुमार ने बताया कि टीम ने दोपहर करीब 1 बजे आरोपी को कोर्ट में पेश किया था। सीआईडी इंटेलिजेंस की ओर से आरोपी का 15 दिन का रिमांड मांगा गया था, लेकिन कोर्ट ने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद 10 दिन का रिमांड मंजूर किया।

सोशल मीडिया के जरिए आईएसआई से संपर्क

जासूस प्रकाश सिंह उर्फ बादल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग कर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के हैंडलर्स के संपर्क में था। वह राजस्थान, पंजाब और गुजरात जैसे संवेदनशील सीमावर्ती राज्यों से भारतीय सेना से जुड़ी गोपनीय और सामरिक महत्व की सूचनाएं एकत्र कर रहा था। इन सूचनाओं में सैन्य प्रतिष्ठानों की लोकेशन, सैनिकों की आवाजाही, हथियारों की तैनाती और अन्य महत्वपूर्ण विवरण शामिल थे, जिन्हें वह नियमित रूप से पाकिस्तान भेजता था। यह जानकारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है।

संदिग्ध गतिविधियां और प्रारंभिक जांच

संदिग्ध प्रकाश सिंह उर्फ बादल को पहली बार 27 नवंबर को श्रीगंगानगर में सैन्य प्रतिष्ठान साधूवाली के आस-पास संदिग्ध परिस्थितियों में देखा गया था। बॉर्डर इंटेलिजेंस टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे हिरासत में ले लिया और उससे पूछताछ शुरू की। प्रारंभिक जांच में उसके मोबाइल फोन पर विदेशी और विशेषकर पाकिस्तानी वॉट्सएप नंबरों से लगातार संपर्क में रहने की पुष्टि हुई। यह जानकारी मिलते ही सभी आसूचना एजेंसियां सतर्क हो गईं और मामले की गंभीरता को समझते हुए आगे की कार्रवाई की गई।

ऑपरेशन सिंदूर और सामरिक जानकारी

श्रीगंगानगर के ज्वाइंट इंट्रोगेशन सेंटर में सभी आसूचना एजेंसियों की ओर से संदिग्ध प्रकाश सिंह से गहन पूछताछ की गई। पूछताछ में सामने आया कि यह एजेंट 'ऑपरेशन सिंदूर' के समय से ही आईएसआई के निरंतर संपर्क में था। वह भारतीय सेना के वाहनों की आवाजाही, सैन्य संस्थानों की स्थिति, सीमावर्ती क्षेत्र की भौगोलिक जानकारी, पुलों, सड़कों, रेलवे लाइनों और नए निर्माण कार्यों जैसी अत्यंत संवेदनशील सामरिक जानकारी पाकिस्तान स्थित अपने हैंडलर्स को उपलब्ध करवा रहा था। ऐसी जानकारी दुश्मन देश के लिए सैन्य रणनीति बनाने में सहायक हो सकती है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न होता है।

राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में ओटीपी सप्लाई

जासूसी के अलावा, आरोपी प्रकाश सिंह उर्फ बादल एक और गंभीर राष्ट्रविरोधी गतिविधि में शामिल था। दुश्मन देश की मांग पर वह भारतीय व्यक्तियों के नाम पर जारी मोबाइल नंबरों के ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) उपलब्ध करवाता था। इन ओटीपी का उपयोग पाकिस्तानी एजेंट भारतीय नंबरों से वॉट्सऐप अकाउंट बनाने और उन्हें सक्रिय करने के लिए करते थे। इन वॉट्सऐप नंबरों का इस्तेमाल फिर जासूसी, गलत सूचना फैलाने और अन्य राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को संचालित करने के लिए किया जाता था, जिससे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए ऐसे एजेंटों को ट्रैक करना मुश्किल हो जाता था। इस गैरकानूनी मदद के बदले में संदिग्ध ने मोटी धनराशि भी प्राप्त की थी, जो उसकी गतिविधियों को और भी गंभीर बनाती है।

शासकीय गुप्त बात अधिनियम के तहत कार्रवाई

मामले की गंभीरता को देखते हुए संदिग्ध को आगे की कार्रवाई और विस्तृत पूछताछ के लिए जयपुर के केंद्रीय पूछताछ केंद्र लाया गया। यहां सभी आसूचना एजेंसियों की ओर से पूछताछ और उसके मोबाइल के तकनीकी परीक्षण से प्राप्त डेटा से उपरोक्त सभी तथ्यों की पुष्टि हुई। पाकिस्तानी जासूस आरोपी प्रकाश सिंह उर्फ बादल के खिलाफ शासकीय गुप्त बात अधिनियम-1923 की संबंधित धाराओं के तहत स्पेशल पुलिस स्टेशन जयपुर पर एफआईआर दर्ज कर सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। अब 10 दिन के रिमांड के दौरान उससे इस जासूसी नेटवर्क के अन्य सदस्यों और उनके ठिकानों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां मिलने की उम्मीद है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत किया जा सके।

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