Highlights
- राजस्थान में 1800 करोड़ रुपए की लावारिस बैंक जमा राशि।
- आरबीआई का "आपकी पूंजी, आपका अधिकार" अभियान शुरू।
- निष्क्रिय खातों से पैसा वापस पाने की आसान प्रक्रिया।
- UDGAM पोर्टल पर बैंकों की जानकारी उपलब्ध।
जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) में 64 लाख बैंक खातों में 1800 करोड़ रुपए लावारिस पड़े हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने "आपकी पूंजी, आपका अधिकार" अभियान शुरू किया है ताकि लोग अपना पैसा वापस पा सकें।
राजस्थान में लावारिस धन की स्थिति
राजस्थान में लगभग 64 लाख बैंक खाते ऐसे हैं जिनमें कुल 1800 करोड़ रुपए की राशि उनके असली हकदारों तक नहीं पहुंची है।
बैंक इस बड़ी राशि को उनके सही मालिकों या कानूनी वारिसों तक पहुंचाना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए वारिसों को स्वयं बैंक तक पहुंचना आवश्यक है।
कई खाताधारकों को अपनी जमा राशि के बारे में जानकारी नहीं होती है या उनकी मृत्यु हो चुकी होती है।
ऐसे में, यदि आपके परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु हो चुकी है और आप उनके बैंक खाते में जमा लावारिस राशि के बारे में जानना चाहते हैं, तो अब यह जानकारी घर बैठे ही प्राप्त की जा सकती है।
'आपकी पूंजी, आपका अधिकार' अभियान क्या है?
बैंक की भाषा में इन राशियों को "अनक्लेम्ड डिपॉजिट" या "अदावाकृत जमा" कहा जाता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इन अदावाकृत जमाओं को उनके हकदारों तक पहुंचाने के लिए "आपकी पूंजी, आपका अधिकार" नामक एक विशेष अभियान शुरू किया है।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लोगों में जागरूकता बढ़ाना है ताकि वे अपनी खोई हुई पूंजी को वापस पा सकें।
जागरूकता के अभाव में या दुर्घटनावश कई बार व्यक्ति अपने बैंक खाते या अन्य संपत्तियों का जीते-जी वारिस घोषित नहीं कर पाता है।
ऐसे में, उनकी मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थानों में अनक्लेम्ड रह जाती है और निष्क्रिय पड़ी रहती है।
इस अभियान के तहत देशभर में शिविरों का आयोजन किया जा रहा है, जहां खाताधारक या उनके कानूनी वारिस अपनी रकम वापस ले सकते हैं।
अपनी लावारिस रकम कैसे वापस पाएं?
अपनी लावारिस रकम वापस पाने के लिए आपको उस बैंक की किसी भी शाखा में जाना होगा, जहां खाता था, भले ही वह आपकी नियमित ब्रांच न हो।
आपको आधार कार्ड, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र या ड्राइविंग लाइसेंस जैसे पहचान प्रमाण पत्र के साथ एक निर्धारित फॉर्म जमा करना होगा।
बैंक आपके खाते का सत्यापन करने के बाद उस रकम को ब्याज सहित आपको वापस कर देगा।
खाता नंबर भूल गए हैं तो क्या करें?
यदि आपके परिवार के किसी सदस्य के खाते के बारे में कोई जानकारी नहीं है या आप खाता नंबर भूल गए हैं, तो भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
आपको उस बैंक में जाना होगा जहां खाता था, और बैंक अधिकारी जिस नाम से खाता था, उसका अकाउंट नंबर आपको उपलब्ध करवा देंगे।
इसके लिए आपको अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड की कॉपी साथ लेकर जानी होगी।
बैंक खाते निष्क्रिय क्यों हो जाते हैं?
बैंकों ने जिन खातों को निष्क्रिय मानकर बंद किया है, उनमें बचत (सेविंग) और चालू (करंट) दोनों प्रकार के खाते शामिल हैं।
किसी व्यक्ति की दुर्घटना में या सामान्य मौत के बाद उनके खाते की जानकारी परिवार को नहीं होती है, तो उसमें लेनदेन बंद हो जाता है।
कई बार इन खातों में कोई नॉमिनी भी नहीं होता है, जिससे रकम लावारिस रह जाती है।
निष्क्रिय खातों में महिलाओं और जॉइंट अकाउंट वाले खातों की संख्या भी काफी अधिक है।
महिलाएं अक्सर अपने पति या बच्चों से अलग होने के बाद अपने खातों का उपयोग करना बंद कर देती हैं, जिससे ऐसे खाते जल्दी निष्क्रिय हो जाते हैं।
इसके अलावा, बड़ी संख्या में ऐसे युवाओं के खाते भी शामिल हैं जो किसी चेक या स्कॉलरशिप प्राप्त करने के लिए अकाउंट खुलवाते हैं और बाद में उसमें कोई ट्रांजैक्शन नहीं करते हैं।
निष्क्रिय खाता क्या होता है?
भारतीय रिजर्व बैंक की अधिसूचना के अनुसार, किसी भी बचत या चालू बैंक खाते में यदि दो साल तक कोई लेनदेन नहीं होता है, तो ऐसे खातों को बैंक निष्क्रिय खाते की श्रेणी में डाल देता है।
एक बार खाता निष्क्रिय होने के बाद, आप न तो उसमें पैसा जमा कर सकते हैं और न ही उसमें जमा रकम निकाल सकते हैं।
ऐसे खातों को फिर से सक्रिय करने के लिए बैंक से संपर्क करना आवश्यक होता है।
अभियान की समय-सीमा और उद्देश्य
यह महत्वपूर्ण अभियान 4 अक्टूबर 2025 से शुरू हुआ है और दिसंबर 2025 तक चलेगा।
इसका मुख्य उद्देश्य देश के हर घर में वित्तीय समावेशन को मजबूत करना और लोगों को उनकी खोई हुई पूंजी का हक दिलाना है।
यह पहल वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
UDGAM पोर्टल पर मिलेगी जानकारी
भारतीय रिजर्व बैंक ने UDGAM पोर्टल (Unclaimed Deposits – Gateway to Access inforMation) भी लॉन्च किया है।
इस पोर्टल पर आप विभिन्न बैंकों में जमा लावारिस राशि की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
UDGAM पोर्टल पर एक्सिस बैंक लि., बैंक ऑफ बड़ोदा, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, सिटीबैंक एन.ए., डीबीएस बैंक इंडिया लि., धनलक्ष्मी बैंक लि., फेडरल बैंक, एचडीएफसी, एचएसबीसी लि., आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, इंडसइंड बैंक, जम्मू एण्ड कश्मीर बैंक लि., कर्नाटक बैंक लि., पंजाब नेशनल बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, पंजाब एण्ड सिंध बैंक, सारास्वत कोऑपरेटिव बैंक, साउथ इंडियन बैंक लि., स्टैण्डर्ड चार्टेड बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, तमिलनाडु मर्केन्टाइल बैंक, द करूर वैश्य बैंक लि., यूको बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया सहित कई प्रमुख बैंकों में अनक्लेम्ड डिपॉजिट की जानकारी उपलब्ध है।
यह पोर्टल लोगों को घर बैठे ही अपनी लावारिस संपत्ति का पता लगाने में मदद करता है, जिससे प्रक्रिया और भी सुलभ हो जाती है।
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