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कयास लगाए जा रहे हैं कि गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद अब राजेंद्र गुढ़ा कांग्रेस को अलविदा कहकर शिवसेना के साथ नई पारी की शुरुआत करने का ऐलान करने वाले हैं।
जयपुर | विधानसभा चुनावों से पहले ’लाल डायरी’ को लेकर राजस्थान की सियासत गरमाने वाले कांग्रेस के बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) के पार्टी छोड़ने के संकेत मिल रहे हैं।
राजस्थान के सियासी गलियारों में चर्चा जोरों पर है कि राजेंद्र गुढ़ा 9 सितंबर को शिवसेना (शिंदे गुट) में शामिल हो सकते हैं।
राजस्थान के शिवसेना के प्रभारी चंद्रराज सिंघवी ने एक ट्वीट कर गुढ़ा के 9 सितंबर को पार्टी जॉइन करने का दावा किया है।
बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे 9 सिंतबर को राजेंद्र गुढ़ा के बेटे शिवम गुढ़ा के जन्मदिवस समारोह में शामिल होने के लिए उदयपुरवाटी आ रहे हैं।
तो क्या गुढ़ा करेंगे शिवसेना के साथ नई पारी का ऐलान ?
ऐसे में ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के बाद अब राजेंद्र गुढ़ा कांग्रेस को अलविदा कहकर इस समारोह में शिवसेना के साथ नई पारी की शुरुआत करने का ऐलान करने वाले हैं।
हालांकि, अभी इस संबंध में गुढ़ा की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है, लेकिन ये भी कहा जा रहा है कि गुढ़ा जब भी कुछ नया करते है तो अचानक करते हैं।
सिंघवी ने क्या कहा ट्वीट में ?
राजस्थान शिवसेना प्रभारी चंद्रराज सिंघवी ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी देते हुए कहा है कि 9 सितंबर को राजेंद्र गुढा के आने से शिवसेना की ताकत बढ़ेगी, लेकिन यह तो अभी शुरुआत है।
अभी तो पर्दे के पीछे 20 जीतने वाले उम्मीदवार शिवसेना का दमन थामने के लिए तैयार खड़े हैं। बस अब तो इस बात का इंतजार है कि भारतीय जनता पार्टी हमें कितनी सीट समझौते के तहत देती है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि हम कोई ऐसा कदम नहीं उठाएंगे जिससे भाजपा का नुकसान हो। विधानसभा में मणिपुर की जगह सरकार को अपने गिरेबां में झांकने की सलाह दी, उसी दिन बर्खास्त हुए थे
कांग्रेस विधायक गुढ़ा क्यों हुए थे बर्खास्त ?
बता दें कि गुढ़ा ने जुलाई में विधानसभा में कानून व्यवस्था को लेकर मंत्री रहते हुए अपनी ही गहलोत सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया था।
गुढ़ा ने विधानसभा में कांग्रसे विधायकों के मणिपुर हिंसा और महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का मामला उठाने पर हमलावर होते हुए कहा था कि राजस्थान रेप के मामले में नंबर वन बन गया है। हमें मणिपुर पर बात करने से पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए।
विधानसभा में यह मुद्दा उठाने के बाद गुढ़ा को उसी दिन देर शाम बर्खास्त कर दिया गया था।
विधानसभा में लहराई थी ’लाल डायरी’
बर्खास्त होने के बाद गुढ़ा ने गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और विधानसभा के सदन में ’लाल डायरी’ लहराकर पार्टी के नेताओं के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया था।
गुढ़ा का दावा था कि लाल डायरी आरटीडीसी अध्यक्ष धमेंद्र सिंह राठौड़ के घर पड़े इनकम टैक्स छापों से पहले लाई गई थी।
गुढ़ा ने लाल डायरी के तीन पन्ने भी रिलीज किए थे जिसमें आरसीए चुनावों में लेनदेन का जिक्र था।