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ज्योतिषाचार्य ने बताया कि नवरात्रि में कलश स्थापना का विशेष महत्व है।घट स्थापना का सबसे शुभ समय प्रतिपदा का एक तिहाई भाग बीत जाने के बाद होता है।
जयपुर/ राजस्थान | Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि इस बार 15 अक्टूबर रविवार से शुरु होने जा रहे हैं। शनिवार 14 अक्टूबर को रात्रि 11:24 मिनट से ही अश्विन माह की प्रतिपता तिथि प्रारंभ हो जाएगी और अगले दिन 15 अक्टूबर को दोपहर 12:32 मिनट तक रहेगी। ये पर्व 23 अक्टूबर तक चलेगा।
इस साल देवी दुर्गा का वाहन हाथी है. शास्त्रों की मान्यता है कि नवरात्रि में जब देवी हाथी पर सवार होकर आती हैं, तब ज्यादा बारिश के योग बनते हैं।
- घटस्थापना तिथि: रविवार 15 अक्टूबर 2023
- घटस्थापना मुहूर्त: प्रातः 06:30 मिनट से प्रातः 08: 47 मिनट तक
- अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:48 मिनट से दोपहर 12:36 मिनट तक
कलश स्थापना (Kalash Sthapana)
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि नवरात्रि में कलश स्थापना का विशेष महत्व है।घट स्थापना का सबसे शुभ समय प्रतिपदा का एक तिहाई भाग बीत जाने के बाद होता है।
अगर किसी कारण वश आप उस समय कलश स्थापित न कर पाएं तो अभिजीत मुहूर्त में भी स्थापित कर सकते हैं। प्रत्येक दिन का आठवां मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त कहलाता है।
सामान्यत: यह 40 मिनट का होता है। हालांकि इस बार घट स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।
कलश स्थापना में शामिल करें ये चीजें (Kalash Sthapana Samagri)
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि मां दुर्गा को लाल रंग खास पसंद है इसलिए लाल रंग का ही आसन खरीदें। इसके अलावा कलश स्थापना (Kalash Sthapana) के लिए मिट्टी का पात्र, जौ, मिट्टी, जल से भरा हुआ
कलश, मौली, इलायची, लौंग, कपूर, रोली, साबुत सुपारी, साबुत चावल, सिक्के, अशोक या आम के पांच पत्ते, नारियल, चुनरी, सिंदूर, फल-फूल, फूलों की माला और श्रृंगार पिटारी भी चाहिए।