श्रीराम सिंह : वो नाम जिनका 42 सालों तक एशियन खेलों में कोई नहीं तोड़ पाया रिकॉर्ड

वो नाम जिनका 42 सालों तक एशियन खेलों में कोई नहीं तोड़ पाया रिकॉर्ड
Captain Shri Ram Singh Shekhawat
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Highlights

श्रीराम सिंह ने सेना में राजपूताना रेजिमेंट में हॉनरेरी कैप्टन के पद से रिटायर होने के बाद भारतीय खेल प्राधिकरण में 1988 में एथलीट कोच के रूप में 22 साल तक काम किया। इस दौरान कई एशियाई खेलों में भारतीय टीम के साथ कोच के रूप में भी गए। श्रीराम सिंह वो भारतीय एथलीट हैं जिन्होंने ओलंपिक खेलों के फ़ाइनल में जगह बनाई थी. ऐसा करने वाले वो भारत के तीसरे एथलीट रहे. मॉन्ट्रियल ओलंपिक में उन्होंने एशियन रिकॉर्ड बनाया. 

मेरी और बिजली के बीच एक दौड़ लगी पहले तो बिजली आगे थी और मैं पीछे, लेकिन फिर मैं आगे हो गया और बिजली पीछे हो गई थी, जी हां ये कहना है बेस्ट एशियन एथलीट और राजस्थान के गौरव रहे श्रीराम सिंह का। 

आज हम जिस धावक की बात कर रहे हैं उन्होंने पूरे विश्व में भारत की पहचान बना दी थी। सेना में राजपूताना राइफल्स में ये शामिल हुए थे और हॉनरेरी कैप्टन के पद पर कार्यरत थे।

इन्होंने करियर की शुरुआत 400 मीटर और 800 मीटर की दौड़ से शुरु की, बाद में अपने कोच की सलाह पर ये 800 मीटर में दौड़ने लगे। श्री राम सिंह तीसरे भारतीय थे जिन्होंने ओलंपिक के फाइनल में स्थान बनाया।

18 सालों तक एशियन ओलंपिक में कोई नहीं तोड़ पाया श्री राम सिंह शेखावत का रिकॉर्ड

साथ ही 1976 में Montreal  में होने वाले ओलंपिक में भारत के नाम एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया जिसे 18 सालों तक कोई तोड़ न सका।  इससे पहले मिल्खा सिंह ने 1960 के रोम ओलंपिक में फाइनल में स्थान बनाया और चौथे स्थान पर आए थे।

1964 में टोक्यो ओलंपिक में गुरु बचन सिंह रंधावा फाइनल में पहुँचे लेकिन पदक नहीं जीत पाए और तीसरे थे श्रीराम सिंह शेखावत मोनट्रियल ओलंपिक में सातवां स्थान प्राप्त किया।

इससे पहले इन्होंने दो एशियाई खेल 1974 में ईरान के तेहरान में स्वर्ण पदक जीता और दूसरा 1978 में बैंकॉक थाइलैंड में होने वाले ओलंपिक गेम्स में स्वर्ण पदक जीता।

1994 में दक्षिण कोरिया के धावक 'ली जिन इन' ने 18 साल बाद ये रिकॉर्ड तोड़ा, वहीं भारतीय रिकॉर्ड की बात करें तो 42 साल बाद 2018 में जिनसन जॉनसन ने उस रिकॉर्ड को तोड़ा है, यानि नेशनल खेलों में श्रीराम सिंह का रिकॉर्ड 42 सालों तक बरकार रहा, इतने वर्षो तक कोई ये रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाया। 

एशियन खेलों में पहली बार 1970 में लिया हिस्सा

खेलों में सबसे पहले इन्होंने 1970 में बैंकॉक में होने वाले एशियन गेम्स में हिस्सा लिया।  यहां इन्हें दूसरा स्थान प्राप्त हुआ। इसमें इन्होंने  सिल्वर मेडल जीता था।

इसके बाद 1974 के एशियाई खेलों के आखिरी दिन भारत ने 4 स्वर्ण पदक जीते जिसमें 800 मीटर की दौड़ के लिए सबसे पहला स्वर्ण पदक भारत के लिए श्रीराम सिंह ने जीता था।

अर्जुन अवॉर्ड और पद्म श्री से सम्मानित

भारत सरकार ने श्रीराम सिंह को 1973 में अर्जुन पुरुस्कार और 1974 में पद्म श्री से सम्मानित किया । पदम श्री एवं अर्जुन पुरस्कार विजेता  श्रीराम सिंह शेखावत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 10 पदक जीते हैं जिसमें 6 गोल्ड और 4 रजत पदक शामिल हैं।

श्रीराम सिंह ने सेना में राजपूताना रेजिमेंट में हॉनरेरी कैप्टन के पद से रिटायर होने के बाद भारतीय खेल प्राधिकरण में 1988 में एथलीट कोच के रूप में 22 साल तक काम किया। इस दौरान कई एशियाई खेलों में भारतीय टीम के साथ कोच के रूप में भी गए।

श्रीराम सिंह वो भारतीय एथलीट हैं जिन्होंने ओलंपिक खेलों के फ़ाइनल में जगह बनाई थी। ऐसा करने वाले वो भारत के तीसरे एथलीट रहे। मॉन्ट्रियल ओलंपिक में उन्होंने एशियन रिकॉर्ड बनाया। 

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