Highlights
- स्कूल प्रबंधन ने करीब एक साल पहले ही विभाग के उच्च अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दे दी थी। तब विभाग के एक जेईएन ने यहां आकर रिपोर्ट भी तैयार की लेकिन मरम्मत के लिए कुछ नहीं किया गया।
- वर्ष 1998 में बनी इस बिल्डिंग में जगह-जगह से पटि्टयों में दरारों के बारे में फरवरी 2023 में एक पत्र उच्चअधिकारियों को लिखा गया था।
बीकानेर | बीकानेर के खाजूवाला में एक सरकारी स्कूल का करीब 60 फीट का बरामदा और एक क्लास रूम की छत ढह गयी। सौभाग्य है कि स्कूल में गर्मीयो की छुटि्टयां चल रही है।
स्कूल समय में ये पत्थर की पटि्टयां गिरती तो बड़ा हादसा हो सकता था। पिछले एक साल से बरामदे की छत में दरारें आई हुई थी और सरकार को अवगत करवाने के बाद भी मरम्मत नहीं कराई गई।
स्कूल के टीचर अनूपचंद खींचड़ ने बताया कि रविवार देर रात अचानक पटि्टयां गिर गई थी। घटना के बारे में ग्रामीणों ने सुबह फ़ोन करके टीचर्स को बताया। तो स्कूल स्टॉफ तुंरत मौके पर पहुंचा। यहां करीब 60 फीट का बरामदा गिर गया है।
60 से 70 के आसपास बड़े बड़े पत्थरो की पटि्टयां छत्त से नीचे आकर गिरी है। वहीं आईसीटी रूम भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। इसकी एक दीवार झुक गई है। यहां कम्प्यूटर भी पड़े थे, जो सुरक्षित है।
एक साल से दरारें, विभाग नींद में
स्कूल प्रबंधन ने करीब एक साल पहले ही विभाग के उच्च अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दे दी थी। तब विभाग के एक जेईएन ने यहां आकर रिपोर्ट भी तैयार की लेकिन मरम्मत के लिए कुछ नहीं किया गया।
यहां तक कि कमरों की पटि्टयों वाले हिस्से को स्कूल टीचर्स ने ही तार बंदी से बंद कर दिया था ताकि विद्यार्थी उसमे नहीं जायें। जिस हिस्से को तारबंदी से बंद किया गया था, उससे आगे की पटि्टयां भी टूट गई है। जहां आमतौर पर बच्चे रहते हैं। स्कूल में कुल 380 स्टूडेंट्स है।
चार साल पहले हुई मरम्मत
स्कूल की छत पर बरसात का पानी आने के कारण सीलन आ रही थी। ऐसे में ऊपर टाइल्स लगाने का काम साल 2019 में हुआ था। वर्ष 1998 में बनी इस बिल्डिंग में जगह-जगह से पटि्टयों में दरारों के बारे में फरवरी 2023 में एक पत्र उच्चअधिकारियों को लिखा गया था। इसके बाद सर्व शिक्षा अभियान से जुड़े अधिकारियों ने रिपोर्ट बनाने की औपचारिकता की।
हो सकता था बड़ा हादसा
हालांकि इस बरामदे और इससे जुड़े दो कमरों में क्लास नहीं लगाई जा रही थी। स्कूल प्रिंसिपल ने खतरे को देखते हुए बच्चों की क्लास अन्य रूम में शिफ्ट कर दी थी। इसके बाद भी लंच यहीं पर होता था। बच्चों का आना जाना भी लगा रहता था। इसी बरामदे से होकर लाइब्रेरी और आईसीटी रूम में जाना पड़ता था। ऐसे में स्कूल समय में ये हादसा होता तो जानमाल का बड़ा नुकसान हो सकता था।
गर्मी से टूटी है पटि्टयां
प्रिंसिपल हरदेव सिंह चंदी (hardev singh chandi) ने बताया कि एक साल पहले ही इस बारे में रिपोर्ट दी गई थी। पूरे क्षेत्र को तारबंदी करके बंद किया गया था। आज घटना की जानकारी मिलने के बाद से अब तक पूरा स्टॉफ यहीं पर है। घटना के बारे में खाजूवाला (khajoowala) एसडीएम और शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को रिपोर्ट दी गई है।