क्या मनाएगी गहलोत सरकार: टिकट लेने की घमासान के बीच दो कांग्रेस नेताओं ने चुनाव लड़ने से किया इनकार

टिकट लेने की घमासान के बीच दो कांग्रेस नेताओं ने चुनाव लड़ने से किया इनकार
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राजस्थान के दो मंत्रियों वन मंत्री हेमाराम चौधरी और  कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की मंशा जताई है। इसका ऐलान भी उन्होंने सार्वजनिक रूप से किया है, लेकिन इनके समर्थक मानते ही नहीं।

जयपुर | राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर जहां टिकटों के लिए मारा-मारी मची हुई है, हर कोई अपनी दावेदारी ठोक रहा है वहीं गहलोत सरकार के कई मंत्री ऐसे भी जिन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार करते हुए अपने पांव पीछे हटा लिए हैं।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने राजस्थान में चुनावों के लिए अभी अपने प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं की है, लेकिन उससे पहले ही टिकटों को लेकर घमासान मचा हुआ है। 

टिकट के लिए राजस्थान से लेकर दिल्ली तक की सियासत गरमाई हुई हैं।

लेकिन राजस्थान के दो मंत्रियों वन मंत्री हेमाराम चौधरी और  कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की मंशा जताई है।

इसका ऐलान भी उन्होंने सार्वजनिक रूप से किया है, लेकिन इनके समर्थक मानते ही नहीं।

हेमाराम बोले- अन्न-जल त्यागकर धरने पर बैठ जाऊंगा

पिछले दिनों ही बाड़मेर जिले के गुढ़मलानी विधायक और वन मंत्री हेमाराम चौधरी का एक वीडियो भी जमकर वायरल हुआ है जिसमें उनके समर्थक उन्हें चुनाव लड़ने के लिए मनाते दिख रहे हैं।

क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता इतनी है कि उनके मना करने के बाद समर्थक रोने लगे और अपनी पगड़ी भी उतार कर रख दी।

हालांकि, मंत्री हेमाराम चौधरी अपनी बात पर कायम हैं। उन्होंने समर्थकों से साफ कहा है कि अगर आप लोग नहीं मानोगे तो मैं अन्न-जल त्यागकर धरने पर बैठ जाऊंगा। 

ऐसे में माना जा रहा है कि मंत्री चौधरी इस बार चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगे।

विश्वेंद्र सिंह ने कहा- मेरा मन नहीं, लेकिन सीएम गहलोत उतार रहे मैदान में

वहीं दूसरी ओर, भरतपुर के डीग-कुम्हेर से विधायक और गहलोत सरकार में पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग में कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भी कहा कि इस बार वे भी चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। 

लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उन्हें चुनाव लड़ना पड़ेगा, क्योंकि यह विकास का चुनाव है।

ऐसे में उन्होंने कहा कि विकास के लिए जो मैंने वित्तीय स्वीकृति निकलवाई हैं उन्हें पूरा करने के लिए मुझे चुनावी मैदान में उतरना होगा। 

गौरतलब है कि पूर्व सांसद विश्वेंद्र सिंह के प्रयास से ही भरतपुर से अलग होकर डीग नया जिला बना है। ऐसे में अब उन्होंने चुनावी ताल ठोक दी है। 

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