प्रजना फाउंडेशन की सराहनीय पहल: बहरोड़: दीपावली पर 600+ महिलाओं को मासिक धर्म स्वच्छता जागरूकता

बहरोड़: दीपावली पर 600+ महिलाओं को मासिक धर्म स्वच्छता जागरूकता
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Highlights

  • 600 से अधिक महिलाओं ने जागरूकता सत्र में भाग लिया।
  • मासिक धर्म स्वच्छता और भ्रांतियों पर विशेष जानकारी दी गई।
  • प्रजना फाउंडेशन और एकता मंच संस्थान का संयुक्त आयोजन।
  • महिलाओं को 'किशोरी किट' का वितरण किया गया।

बहरोड़ |  प्रजना फाउंडेशन (Prajna Foundation) और एकता मंच संस्थान (Ekta Manch Sansthan) ने बहरोड़ (Bahror) में दीपावली समारोह में 600+ महिलाओं को मासिक धर्म और स्वच्छता के प्रति जागरूक किया। यह सत्र महिलाओं के स्वास्थ्य और सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण था।

जागरूकता सत्र का आयोजन

प्रजना फाउंडेशन ने एकता मंच संस्थान, बहरोड़ के सहयोग से दीपावली समारोह के अवसर पर एक विशेष जागरूकता सत्र आयोजित किया था।

इस सत्र में 600 से अधिक महिलाओं ने मासिक धर्म से जुड़ी जानकारी, स्वच्छता के महत्व और इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने पर विशेष ध्यान दिया।

यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के स्वास्थ्य और जागरूकता के लिए अत्यंत आवश्यक है, जिससे वे स्वस्थ और सक्रिय जीवन जी सकें।

महत्वपूर्ण उपस्थिति और संवाद

कार्यक्रम की शुरुआत में एकता मंच संस्थान के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र गुप्ता ने प्रजना फाउंडेशन की टीम का स्वागत किया और सत्र की सराहना की।

प्रजना फाउंडेशन की संस्थापक श्रीमती प्रीति शर्मा, प्रोजेक्ट मैनेजर प्राची खंडेलवाल और वालंटियर शिव नारायण बैरवा ने महिलाओं से संवाद किया।

उन्होंने मासिक धर्म के दौरान अपनाई जाने वाली स्वच्छता, सावधानियों और गलत धारणाओं को लेकर विस्तार से जानकारी साझा की।

सत्र पूरी तरह संवादात्मक रहा, जिसमें गाँव और ढाणियों से आई महिलाओं ने खुलकर सवाल पूछे और अपनी जिज्ञासाएं शांत कीं।

महिलाओं ने इस प्रयास को ज्ञानवर्धक और उपयोगी बताया, जो उनके दैनिक जीवन और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होगा।

किशोरी किट का वितरण और उद्देश्य

इस अवसर पर प्रजना फाउंडेशन की ओर से महिलाओं और किशोरियों को 'किशोरी किट' का वितरण भी किया गया।

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को मासिक धर्म से जुड़ी सही जानकारी देना था।

इसका लक्ष्य उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और स्वच्छता को लेकर सकारात्मक सोच को प्रोत्साहित करना भी था।

मासिक धर्म स्वच्छता के प्रति जागरूकता महिलाओं को शारीरिक रूप से स्वस्थ रखती है, जिससे वे जीवन के हर क्षेत्र, जैसे शिक्षा, कार्य और खेलकूद में सक्रिय रूप से भाग ले सकें।

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