इंडिया या भारत? देश के नाम पर छिड़ा बवाल: तो क्या अब इंडिया की जगह भारत लिखा जाएगा देश का नाम, विशेष सत्र बुलाने पर उठ रहे सवाल ?

तो क्या अब इंडिया की जगह भारत लिखा जाएगा देश का नाम, विशेष सत्र बुलाने पर उठ रहे सवाल ?
Narendra Modi
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कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, तो ये खबर वाकई सच है। राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी20 रात्रिभोज के लिए सामान्य प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की बजाय प्रेसिडेंट ऑफ भारत के नाम पर निमंत्रण भेजा है।

नई दिल्ली | India Vs Bharat Controversy: उदयनिधि स्टालिन के विवादित बयान के संग्राम के बीच अब देश के नाम को लेकर बड़ा विवाद छिड़ता जा रहा है। कांग्रेस केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है। 

इसी बीच एक ओर चर्चा ने भी माहौल को और गरमा दिया है। चर्चा है कि मोदी सरकार देश का नाम बदलने वाली है? 

दिल्ली के प्रगति मैदान में 9-10 सितंबर के बीच G20 बैठक होने जा रही है। इस बैठक के डिनर में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति भवन से एक इन्विटेशन कार्ड भेजा गया है। जिसपर विवाद छिड़ गया है।

राष्ट्रपति भवन की ओर से जो निमंत्रण पत्र भेजा गया है, उसमें प्रेसिडेंट ऑफ ’इंडिया’ की जगह प्रेसिडेंट ऑफ ’भारत’ लिखा हुआ है।

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इन्विटेशन कार्ड की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की और लिखा - जन गण मन अधिनायक जय हे, भारत भाग्य विधाता

इसको लेकर कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। 

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, तो ये खबर वाकई सच है। राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी20 रात्रिभोज के लिए सामान्य प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की बजाय प्रेसिडेंट ऑफ भारत के नाम पर निमंत्रण भेजा है।

उठ गए विशेष सत्र बुलाने पर सवाल ?

मोदी सरकार द्वारा विशेष सत्र बुलाने को लेकर भी सियासी गलियों में गरमाहट पैदा हो गई है। 

लोगों के मन में एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर केंद्र सरकार विशेष सत्र क्यों बुलाने जा रही है और उसमें क्या धमाका करने वाली है। 

हालांकि विशेष सत्र को लेकर सरकार की ओर से कोई खास कारण नहीं बताया गया है।

लेकिन चर्चा है कि विशेष सत्र बुलाने का कारण इंडिया का नाम बदलकर भारत रखने का है।

गौरतलब है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। 

जिसमें अमृत काल से जुड़े विषयों पर चर्चा करने की बात कही गई है, लेकिन कोई निश्चित एजेंडा अभी सामने नहीं आया है। 

ऐसे में सियासी गलियारों में कयास शुरू हो गए हैं कि इस विशेष सत्र का मकसद एक देश एक चुनाव, महिला आरक्षण बिल और  इंडिया की जगह भारत जैसे बिल या प्रस्ताव पेश करना है।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत कह चुके इंडिया को भारत कहने की बात

आपको बताना चाहेंगे कि देश में छिड़े इस नए विवाद से पूर्व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघ चालक मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में देशवासियों से इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल करने की बात कही थी। 

उन्होंने कहा था कि देश का नाम सदियों से भारत रहा है इस लिए हमें देश को इंडिया नहीं, बल्कि भारत कहना चाहिए। 

संविधान में क्या है देश का नाम ?

देश के संविधान के अनुच्छेद 1 में देश का नाम अंकित है। इसमें कहा गया है कि इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा। 

यह संविधान का एकमात्र प्रावधान है जो बताता है कि देश को आधिकारिक तौर पर क्या कहा जाएगा। इसी आधार पर देश को हिंदी में ‘भारत रिपब्लिक’ और अंग्रेजी में ‘रिपब्लिक ऑफ इंडिया’ लिखा जाता है।

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