Highlights
- DEO कार्यालय के वरिष्ठ सहायक महेंद्र कुमार को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया।
- यह कार्रवाई स्कूल की मान्यता और यूडाईस आईडी जारी करने के एवज में की गई।
- भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की जालोर टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया।
- आरोपी से पूछताछ और आगे की जांच जारी है।
जालोर: जालोर (Jalore) के जिला शिक्षा अधिकारी प्रांरभिक कार्यालय (District Education Officer Elementary Office) के वरिष्ठ सहायक महेंद्र कुमार (Mahendra Kumar) को 10 हजार की रिश्वत लेते हुए एसीबी (ACB) ने गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई स्कूल की मान्यता जारी करने के एवज में की गई।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की जालोर टीम ने जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक कार्यालय में कार्यरत वरिष्ठ सहायक महेंद्र कुमार को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी को एक स्कूल की मान्यता और यूडाईस आईडी व पासवर्ड जारी करने के लिए 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। एसीबी के महानिदेशक गोविंद गुप्ता ने बताया कि इस कार्रवाई से सरकारी महकमों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
रिश्वत की मांग और शिकायत का पूरा मामला
एसीबी को एक परिवादी से शिकायत मिली थी। परिवादी ने बताया कि वरिष्ठ सहायक महेंद्र कुमार उसे अपनी स्कूल की मान्यता संबंधी कार्यों और यूडाईस आईडी व पासवर्ड जारी करने के लिए लगातार परेशान कर रहा था। इन महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने के एवज में महेंद्र कुमार ने परिवादी से 10 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की। परिवादी ने इस अनुचित मांग को लेकर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से संपर्क किया और पूरी जानकारी दी। एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करने के बाद एक विस्तृत ट्रैप कार्रवाई की योजना बनाई।
एसीबी की टीम ने रंगे हाथों पकड़ा
जोधपुर रेंज के उपमहानिरीक्षक भुवन भूषण यादव के कुशल सुपरविजन में और एसीबी चौकी जालोर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मांगीलाल राठौड़ के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। इस टीम ने पूरी गोपनीयता और सटीकता के साथ आज जाल बिछाकर कार्रवाई को अंजाम दिया। आरोपी महेंद्र कुमार को जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक कार्यालय के भीतर ही परिवादी से 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया। रिश्वत की राशि तुरंत उसके पास से बरामद कर ली गई।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज
एसीबी टीम ने आरोपी महेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर उससे गहन पूछताछ शुरू कर दी है। इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक गंभीर प्रकरण दर्ज किया गया है और आगे का विस्तृत अनुसंधान जारी है। एसीबी यह भी जांच कर रही है कि क्या इस रिश्वतखोरी के मामले में कोई अन्य अधिकारी या कर्मचारी भी शामिल है या नहीं।
इस सफल कार्रवाई से जालोर जिले में सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जिससे आम जनता में विश्वास बढ़ेगा और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश जाएगा।
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