Highlights
- पश्चिमी राजस्थान की महत्वपूर्ण जवाई पुनर्भरण योजना पर जल्द शुरू होगा कार्य।
- पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने जल संसाधन विभाग के एसीएस से की बात, उठाई योजना में देरी की समस्या।
- एसीएस अभय कुमार सिंह ने लोढ़ा को आश्वस्त किया कि सभी अड़चनें दूर कर ली गई हैं।
- योजना के तहत भूमि सर्वे और प्रभावित किसानों को मुआवजा निर्धारण का कार्य शीघ्र प्रारंभ होगा।
शिवगंज/सुमेरपुर: पश्चिमी राजस्थान के प्रमुख जल स्रोत जवाई बांध को साल भर भरा रखने और सिरोही, पाली तथा जालौर जिलों के लोगों को सिंचाई एवं पेयजल के लिए निरंतर पानी उपलब्ध कराने की मंशा से स्वीकृत जवाई पुनर्भरण योजना पर पिछले पौने दो साल से कोई कार्य नहीं होने के बाद अब उम्मीद जगी है। पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार रहे पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने इस संबंध में जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) अभय कुमार सिंह से फोन पर बात की और उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया। एसीएस सिंह ने लोढ़ा को आश्वस्त किया है कि इस योजना को लेकर आ रही सभी अड़चनों को दूर कर लिया गया है और इस पर शीघ्र ही कार्य प्रारंभ होगा।
योजना की पृष्ठभूमि और विलंब
यह उल्लेखनीय है कि जवाई पुनर्भरण योजना को वर्ष 2022-23 में तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार के समय 2554.23 करोड़ रुपये की लागत से स्वीकृत किया गया था। इस योजना के तहत कोटड़ा तहसील में बुझा सांडमारिया और चाक बांध बनाने के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी की गई थी। 10 जुलाई 2023 को इस योजना का शिलान्यास भी कर दिया गया था। हालांकि, शिलान्यास के बाद पौने दो साल बीत जाने के बावजूद योजना पर कोई ठोस काम शुरू नहीं हो पाया है। योजना का मुख्य उद्देश्य इन दोनों बांधों से टनल के माध्यम से पानी को जवाई बांध तक लाना है, जिससे पश्चिमी राजस्थान की जल समस्या का स्थायी समाधान हो सके।
संयम लोढ़ा ने एसीएस को दी जानकारी
पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार सिंह से फोन पर विस्तृत चर्चा की। लोढ़ा ने एसीएस को बताया कि राज्य सरकार का समुचित ध्यान इस बांध के निर्माण की तरफ नहीं होने के कारण वर्ष 2023 में कार्यादेश जारी किए जाने के बावजूद कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अभी तक जमीन के सर्वे का कार्य भी शुरू नहीं किया गया है, जिसके चलते प्रभावित किसानों को मुआवजा भी निर्धारित नहीं किया जा सका है। लोढ़ा ने जानकारी दी कि जल संसाधन विभाग ने उपखंड अधिकारी कोटड़ा को मुआवजा राशि जमा करवा रखी है, लेकिन सर्वे के अभाव में उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है। लोढ़ा ने एसीएस से आग्रह किया कि जिला प्रशासन और पुलिस को शामिल करते हुए बांध के निर्माण कार्य को प्राथमिकता से आगे बढ़ाया जाए, ताकि सिरोही, पाली और जालौर जिले के लोग पेयजल और सिंचाई के क्षेत्र में जल्द से जल्द लाभान्वित हो सकें। उन्होंने बताया कि दो बांधों के निर्माण के लिए 1800 करोड़ रुपये की राशि और पानी लाने के लिए अतिरिक्त राशि स्वीकृत की गई है, जो इन तीनों जिलों के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना है।
एसीएस का आश्वासन और सेई बांध परियोजना
संयम लोढ़ा ने एसीएस सिंह से सेई बांध टनल की गहराई बढ़ाने के लिए चल रहे कार्य के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने बताया कि यह परियोजना भी पिछले साल पूरी होनी थी, लेकिन अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। इस पर, एसीएस अभय कुमार सिंह ने लोढ़ा को आश्वस्त किया कि जवाई पुनर्भरण परियोजना में जो भी कठिनाई आ रही थी, उसे दूर कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही सर्वे का कार्य शुरू कर मुआवजे का निर्धारण किया जाएगा और उसके बाद निर्माण कार्य प्रारंभ करवाया जाएगा। एसीएस सिंह ने सेई प्रोजेक्ट को भी शीघ्रता से पूरा करने का भरोसा दिलाया, जिससे क्षेत्र की जल आपूर्ति में सुधार हो सके। इस आश्वासन के बाद उम्मीद है कि पश्चिमी राजस्थान की इन महत्वपूर्ण जल परियोजनाओं को जल्द ही गति मिलेगी और क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ मिल पाएगा।