Highlights
- अजमेर में रिटायर्ड बैंककर्मी को 86.70 लाख रुपए का चूना लगाया गया।
- साइबर ठगों ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस में फंसाने की धमकी दी।
- पीड़ित को 18 से अधिक फिक्स डिपॉजिट तुड़वाने पड़े।
- दिल्ली पुलिस के अधिकारी बनकर कॉल किया गया।
अजमेर | अजमेर (Ajmer) में एक रिटायर्ड बैंक कर्मचारी (Retired Bank Employee) को ह्यूमन ट्रैफिकिंग (Human Trafficking) केस में फंसाने का डर दिखाकर साइबर ठगों ने 86 लाख 70 हजार रुपए ठग लिए।
धोखाधड़ी की शुरुआत
मदनगंज किशनगढ़ निवासी 75 वर्षीय संपतलाल माहेश्वरी ने साइबर थाना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
5 नवंबर को उन्हें वॉट्सएप पर 'जय हिंद' का मैसेज आया, जिसके बाद एक कॉल आया।
कॉलर ने खुद को दिल्ली पुलिस का सीनियर ऑफिसर विजय कुमार बताया।
उसने संपतलाल को बताया कि सदाकत खान नामक व्यक्ति ह्यूमन ट्रैफिकिंग के आरोप में दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ा गया है।
कॉलर ने कहा कि सदाकत खान के पास से 180 से अधिक एटीएम कार्ड मिले हैं, जिनमें से एक कार्ड संपतलाल का भी है।
जेल और जुर्माने का डर
ठग ने पीड़ित को डराया कि सदाकत खान ने 10% कमीशन देकर उनका आधार कार्ड खरीदा है, जिससे 155 ट्रांजैक्शन हुए हैं।
उन्हें 3 साल की जेल और 5 लाख रुपए के जुर्माने की धमकी दी गई।
बचाव के नाम पर व्यक्तिगत जानकारी और कोर्ट में जमा करने के लिए पैसे मांगे गए।
7 नवंबर को संपतलाल ने अपनी एक एफडी तुड़वाकर करीब 8.50 लाख रुपए साइबर फ्रॉड के बताए खाते में ट्रांसफर कर दिए।
18 से अधिक एफडी तुड़वाई गईं
कुछ दिनों बाद, एक महिला अधिकारी बनकर फिर से कॉल आया।
उसने संपतलाल की सारी व्यक्तिगत जानकारी वॉट्सएप पर ले ली।
10 नवंबर को ठगों ने संपतलाल की 18 और फिक्स डिपॉजिट तुड़वाकर करीब 78 लाख 20 हजार रुपए ट्रांसफर करवा लिए।
इस प्रकार, कुल 86 लाख 70 हजार रुपए की बड़ी ठगी को अंजाम दिया गया।
अजमेर साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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