Highlights
- विधायक निधि भ्रष्टाचार स्टिंग सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
- केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लोकतंत्र में शुचिता बनाए रखने पर जोर दिया और कार्रवाई की मांग की।
- यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया।
- स्टिंग में भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा, कांग्रेस की अनीता जाटव और निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत का खुलासा हुआ।
जयपुर:
विधायक निधि भ्रष्टाचार स्टिंग के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने उच्च स्तरीय जांच मांगी। गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) और झाबर सिंह खर्रा (Jhabar Singh Kharra) ने भी प्रतिक्रिया दी।
राजस्थान में विधायक निधि के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है। एक मीडिया संस्थान द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में विधायकों द्वारा 'विधायक निधि' जारी करने के बदले रिश्वत या कमीशन लेने का खुलासा हुआ है।
अशोक गहलोत ने मांगी उच्च स्तरीय जांच
इस गंभीर मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तत्काल उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि विधायकों द्वारा रिश्वत या कमीशन लेने संबंधी प्रकाशित खबर अत्यंत गंभीर और चिंताजनक है।
गहलोत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से इस मामले का तत्काल संज्ञान लेने का आग्रह किया। उन्होंने जोर दिया कि जनप्रतिनिधियों के लिए सार्वजनिक जीवन में शुचिता और ईमानदारी सर्वोपरि होनी चाहिए।
स्टिंग में सामने आए ये विधायक
मीडिया संस्थान द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा, हिंडौन से कांग्रेस की अनीता जाटव और बयाना (भरतपुर) से निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत का खुलासा हुआ है। इन विधायकों पर विधायक निधि के बदले पैसे लेने का आरोप है।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की प्रतिक्रिया
जोधपुर प्रवास पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में शुचिता बनाए रखना आवश्यक है और यदि किसी ने ऐसी हरकत की है तो निश्चित रूप से कार्रवाई होनी चाहिए।
यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कार्रवाई का दिया आश्वासन
विधायकों के पैसे लेने के मामले को यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने याद दिलाया कि पूर्व में भी विधानसभा में सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने का मामला सामने आया था।
खर्रा ने कहा कि विधानसभा में सदाचार समिति बनी हुई है, जो इस मामले में संज्ञान लेकर गहनता से जांच करेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
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