राजस्थान में रिस्क नहीं लेगी भाजपा: राजस्थान जीतने के लिए भाजपा किसी भी तरह का समझौता कर सकती है, नहीं तो फिर दिल्ली दूर है राजे को मिल सकता है नेतृत्व

राजस्थान जीतने के लिए भाजपा किसी भी तरह का समझौता कर सकती है, नहीं तो फिर दिल्ली दूर है राजे को मिल सकता है नेतृत्व
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इसी साल के अंत में पांच राज्यों के लिए विधानसभा का चुनाव होना है. लेकिन भाजपा के लिए सबसे बड़ी सियासी जंग का मैदान राजस्थान साबित होने वाला है.और राजस्थान का मैदान जीतने के लिए भाजपा किसी भी तरह का समझौता कर सकती है. 

जिन पांच राज्यों में विधानसभा के लिए चुनाव होना है उनमें से राजस्थान एक ऐसा प्रदेश है जहां भाजपा कुछ कमाल कर सकती है अगर बाकि के प्रदेशों बात करे तो भाजपा के लिए स्थितियां सामान्य नहीं हैं. 

अभी तक आए रुझान में मध्य-प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की स्थिति काफी मजबूत मानी जा रही है वहीं तेलंगाना में चंद्रशेखर राव की पार्टी TRS के सामने बाकि किसी पार्टी के पाँव जमना मुश्किल है.जबकि मिजोरम भाजपा के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना राजस्थान. 

राजनीतिक जानकर मान रहे है कि मध्य-प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की मजबूत स्थिति राजस्थान में भाजपा को किसी भी तरह का समझौता करने के लिए मजबूर कर सकती है. क्योकि इन पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद लोकसभा के लिए चुनाव होने वाले है और परफॉर्मेंस के लिहाज से हिंदी पट्टी के तीन राज्य भाजपा के लिए सबसे महत्वपूर्ण है. 

अगर इन तीनो राज्यों में कांग्रेस क्लीनस्वीप कर जाती है तो लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा को मुश्किल खड़ी हो सकती है. और मध्य-प्रदेश, छत्तीसगढ़ में भाजपा की नाजुक स्थिति राजस्थान में समझौते के लिए मजबूर कर सकती है. 

राजस्थान फतह करने के लिए भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है. साथ ही भाजपा के सबसे बड़े फेस नरेन्द्र मोदी ने खुद भाजपा की कमान संभाल ली है. इसकी एक बागनी है कि बीते दो महीने में सात बार मोदी राजस्थान में दौरा कर चुके है. 

ना केवल नरेन्द्र मोदी बल्कि आने वाले दिनों में गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी राजस्थान के धुंआधार दौरे करने वाले है. 

राजे को दी जा सकती है कमान 

बाकी प्रदेशों में भाजपा की नाजुक स्थिति के बीच राजस्थान में एक बार फिर वसुंधरा राजे को मौका दिया जा सकता है. क्योकि राजस्थान को भाजपा किसी भी सूरत में खोना नहीं चाहती और बहुत से कारणों से भाजपा के लिए अब राजस्थान जीतना सबसे ज्यादा जरूरी है. 

राजस्थान में भाजपा में लगातार गुटबाजी की खबरों के बीच चुनावो में भाजपा किसी भी तरह का जोखिम लेने से बचना चाहती है. और भाजपा का यह डर वसुंधरा खेमे के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. 

एक खबर यह भी है वसुंधरा राजे और आलाकमान के बीच सुलह हो चुकी है और पार्टी में उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी दी है. साथ ही राजस्थान बचाने के लिए भाजपा एक बार फिर से भाजपा को फ्रंट फुट पर उतार सकती है. 

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